Kiriburu : किरीबुरु खदान में हड़ताल जारी

Update: 2024-10-28 08:45 GMT
Kiriburu किरीबुरू : राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन के एनजेसीएस प्रतिनिधि यूनियनों में शामिल बीएमएस, एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस की संयुक्त मोर्चा में शामिल सेलकर्मियों ने 28 अक्टूबर की सुबह छह बजे से किरीबुरु में एक दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है. अन्य मजदूर संगठनों के सेलकर्मी आम दिनों की तरह खदान में ड्यूटी पर गये हैं. उक्त मजदूर संगठनों के हड़ताल पर जाने से किरीबुरु खदान में उत्पादन व माल ढुलाई पर मिश्रित असर देखने को मिल रहा है. हालांकि प्रबंधन सभी सेलकर्मियों को काम पर लौटने का निरंतर आग्रह कर रहा है. झारखंड में चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है. इस कारण हड़ताल में शामिल सेलकर्मी ओडिशा सीमा स्थित खदान गेट से लगभग
300 मीटर दूर हिल्टॉप में मौजूद हैं.
 दूसरी ओर मेघाहातुबुरु खदान में किसी भी यूनियन ने हड़ताल से संबंधित नोटिस नहीं दी थी. इस कारण यहां हड़ताल का कोई असर नहीं है. गुवा खदान में भी हड़ताल का कोई असर नहीं है. दोनों खदानों में शत-प्रतिशत सेलकर्मियों की उपस्थिति है. यहां उत्पादन आम दिनों की तरह जारी है. एटक नेता जगमोहन सामड एवं सीटू नेता शहजादा अहमद ने बताया कि पांच यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हड़ताल कर रहे हैं, जबकि किरीबुरु के सहायक महाप्रबंधक रमेश सिन्हा ने बताया कि हम सेलकर्मियों से निरंतर अपील कर रहे हैं कि वे काम पर लौट आयें. अपना व सेल का नुकसान नहीं करें.
 संयुक्त मोर्चा ने हड़ताल पर जाने से संबंधित जो वजहें बतायीं उसमें भ्रामक एएसपीआईएलएस, बोनस योजना को खारिज कर सम्मानजनक बोनस 40500 रुपये से अधिक देने, पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 और चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए तुरंत भुगतान किया जाना चाहिए. एनजेसीएस समझौते को अंतिम रूप देना और 39 महीने का बकाया एरियर राशि का बिना शर्त भुगतान करना. एचआरए, कठिन क्षेत्र भत्ता, खान भत्ता और अन्य सहित विभिन्न भत्तों का संशोधन, सेल और आरआईएनएल के ठेका श्रमिकों की नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित, ठेका श्रमिकों के एडब्ल्यूए को मूल भुगतान के साथ विलय किया जाना चाहिए. ईएसआई सीमा बढ़ाया जाना, रात्रि पाली भत्ते तथा समान कार्य के लिए समान वेतन की गारंटी, स्थायी तथा बारहमासी प्रकृति की नौकरी में लगे ठेका श्रमिकों को एनजेसीएस समझौते के अनुसार स्थायी श्रमिक माना जाए. सभी श्रमिकों को एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी जाए. ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा पर लिए गए एकतरफा निर्णय को वापस लिया जाए, जो कि अवैध है तथा समझौते और सेवा शर्तों का एकतरफा उल्लंघन है.
 भत्ते को बढ़ाकर कम से कम 28 फीसदी की जाए तथा अप्रैल 2020 से भत्ते के बकाया भुगतान से संबंधित मुद्दे का तत्काल समाधान किया जाए. आरआईएनएल की 100 फीसदी बिक्री/विनिवेश पर रोक लगाई जाए. सेल की किसी भी इकाई का निजीकरण तथा विनिवेश न किया जाए. आरआईएनएल में नए वेतन का क्रियान्वयन किया जाए तथा आरआईएनएल का सेल में विलय किया जाए. इस्पात क्षेत्र में नई प्रोत्साहन योजना शुरू की जाए. सेल कर्मचारियों के उत्पीड़न, अवैध एवं अनुचित स्थानांतरण तथा सेवा शर्तों में एकतरफा परिवर्तन को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. जिन कर्मचारियों को भद्रावती एवं सेल खदानों जैसी अन्य इकाइयों में स्थानांतरित किया गया है. उन्हें यथाशीघ्र अपनी मूल इकाइयों में वापस लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए.
 सेल एवं आरआईएनएल के कर्मचारियों को 01.01.2017 से 9 फीसदी मूल वेतन एवं डीए के आधार पर पेंशन अंशदान लागू किया जाना चाहिए, जो अभी तक लंबित है. सेल के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को आवास भत्ते पर 50 फीसदी आयकर छूट भी प्रदान की जानी चाहिए. सेल की सभी इकाइयों एवं खदानों में स्थायी रिक्तियों की आवश्यकता को पूर्ण रूप से लागू किया जाना चाहिए. नए पदनाम एवं अतिरिक्त ग्रेड के साथ नई पदोन्नति नीति बनाई जानी चाहिए. एकतरफावाद के स्थान पर द्विपक्षीय मंच परामर्श के मूल सिद्धांतों एवं अवधारणा को बहाल किया जाना चाहिए आदि मांगे शामिल हैं.
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