Kiriburu : सारंडा के छोटानागरा गांव में सांप काटने से एक युवक की मौत हो गयी. यह घटना 7 जून की बतायी जा रही है. युवक की पहचान बोदरा बाडिंग (32 वर्ष) के रूप में हुई है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि 7 जून को बोदरा बाडिंग को सांप ने काट लिया था. लेकिन उसे पता नहीं चला. इसके बाद सांप को देख उसने खुद सांप को मार डाला. इसके कुछ देर के बाद वह बेहोश हो गया. आनन-फानन में परिजन उसे बेहोशी की हालत में मनोहरपुर सीएचसी ले गये. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया
गांव वालों के अनुसार, बोदरा बाडिंग अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गया. वहीं उसकी पत्नी एक और बच्चे को जन्म भी देने वाली है. बोदरा बाडिंग काफी गरीब था और बस उसके नाम से ही राशन कार्ड था. जिससे सरकारी अनाज उठाता था. हालांकि इतने में वह पूरे परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाता था. ग्रामीणों ने खाने के लिए उसके परिवार वालों को चावल उपलब्ध कराया है, ताकि बच्चे भूखे ना रहे.
इलाज के अभाव में मरीजों की चली जाती है जान
ग्रामीणों ने बताया कि मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत गनमोर गांव में 7 जून को एक युवक को सांप ने काटा था. जिसे राउरकेला रेफर किया गया. सारंडा में सालोंभर सांप का खतरा रहता है. लेकिन जून से सितंबर माह (भीषण गर्मी व बरसात के दौरान) में सांप निकलने का खतरा अधिक रहता है. सांप जंगलों से भागकर घरों की तरफ रूख करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि छोटानागरा में अस्पताल है. लेकिन वहां डॉक्टर हमेशा नहीं रहते हैं. इस अस्पताल में सांप के विष को खत्म करने संबंधित एंटी वेनम दवा, विशेषज्ञ चिकित्सक, रक्त जांच की व्यवस्था, एम्बुलेंस तक की सुविधा नहीं है. वहीं सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु और गुआ अस्पताल में सालों भर विषैले सांप काटने से बचाव के लिए विष निरोधक एंटी वेनम दवा उपलब्ध रहता है. लेकिन सारंडा के सुदूरवर्ती गांवों में अस्पताल तक पहुंच की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं और उनकी मौत हो जाती है.