झारखंड में विकास के नाम पर सरकारी पैसों का कैसे बंदरबांट किया जाता है. ये तस्वीरें इसी का उदाहरण है, जहां करोड़ों की लागत से बनी सड़क आज गड्ढों से तब्दील हो चुकी है. हादसे के डर के बीच लोग आवाजाही करने को मजबूर हैं. गुमला में बने बाईपास सड़क का निर्माण लगभग 60 करोड़ में किया गया था. इस सड़क के निर्माण कार्य के पीछे मकसद ये था कि शहर में होने वाली जाम की समस्या से लोगों को निजात मिल सके. बड़ी गाड़ियों का परिचालन भी आसान हो सके, लेकिन करोड़ों की लागत में बनी ये सड़क निर्माण के 1 साल के अंदर ही बदहाल हो गई है. जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. सड़क की हालत को देख आसानी से कहा जा सकता है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है.
1 साल के अंदर ही सड़क हुई बदहाल
सड़क पर बने गड्ढे हादसे को दावत दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कुल मिलाकर जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. 12 किलोमीटर की इस सड़क के निर्माण के दौरान लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें अब आवाजाही में राहत मिलेगी. कुछ दिनों तक राहत मिली भी, लेकिन बदहाल सड़क अब उनके लिए आफत बन गई है. इस सड़क से आवाजाही जंग लड़ने जैसा है. कब हादसा हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. स्थानीय लोगों ने मामले में संबंधित अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बदहाल सड़क का कौन जिम्मेदार?
ऐसा नहीं है कि इस मामले की जानकारी जिला के प्रशासनिक पदाधिकारी या राज्य मुख्यालय में बैठे पदाधिकारियों को नहीं है. बावजूद इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. ये मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है. सरकारी योजनाओं में धांधली से जुड़ा है. सरकारी पैसों के गबन से जुड़ा है, लेकिन ना तो अभी तक कोई जांच की गई है और ना ही सड़क को दुरुस्त करने की कोई पहल.