Jharkhand HC : किसी कार्य के निष्पादन में देरी आपराधिक विश्वासघात नहीं

Update: 2024-07-19 06:30 GMT
Ranchi रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया कि सिर्फ किसी कार्य के निष्पादन में देरी को आपराधिक विश्वासघात नहीं माना जाना चाहिए. दरअसल सिमडेगा सिविल कोर्ट ने शंकर सिंह और सोरथो सिंह को दोषी करार दिया था. दोनों ने कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट मे चुनौती दी थी. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की कोर्ट में हुई. वर्ष 2006-07 में स्कूल भवन के निर्माण के लिए प्राथियों को 3 लाख 78 हजार 250 रुपये दिये गये थे. यह पैसा आरोपियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था. लेकिन तय समय सीमा में स्कूल भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने शंकर सिंह और सोरथो सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. ट्रायल के बाद कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए सजा भी सुना दी. निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए हाईकोर्ट ने आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि सिर्फ कार्य के निष्पादन में देरी आपराधिक विश्वासघात नहीं है, वह भी तब जब कार्य निष्पादन की समय-सीमा से जुड़ा कोई एग्रीमेंट मौजूद ना हो
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