झारखंड सरकार ने अब तक पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करने पर बीजेपी ने हेमंत सरकार लिया घेरे में

केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज टैक्स में कटौती किए जाने के बाद अन्य राज्यों की तरह झारखंड सरकार पर भी वैट कम करने का दवाब बनाया जा रहा है.

Update: 2021-11-25 12:45 GMT

जनता से रिश्ता। केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज टैक्स में कटौती किए जाने के बाद अन्य राज्यों की तरह झारखंड सरकार पर भी वैट कम करने का दवाब बनाया जा रहा है. विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार पर दवाब बनाने के लिए राज्यभर के सभी पेट्रोल पंपों पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर वैट के दरों में कम करने की मांग की. पेट्रोल पंप पहुंचे भाजपा नेताओं ने इस दौरान राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा.

हरमू पेट्रोल पंप पर हस्ताक्षर अभियान में शामिल होने पहुंचे प्रदेश महामंत्री बाल मुकुंद सहाय और महानगर भाजपा अध्यक्ष केके गुप्ता ने कहा कि कल तक केन्द्र को कोसने वाली कांग्रेसी आज चुप हैं. राज्य की जनता को वैट में कमी कर राहत दी जा सकती है.
वहीं बीजेपी की मांग पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि केन्द्र ने जो कटौती की है, वह जनता को दिगभ्रमित करनेवाला है. जब पेट्रोल के दाम रांची में 105 रुपये प्रति लीटर थे, तो आपने 5 रुपया कम कर क्या राहत दी. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने कहा है कि कुछ राज्यों में होनेवाले चुनाव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने यह फैसला लिया है.
केन्द्र सरकार द्वारा एक्साइज टैक्स में कमी किए जाने के बाद राज्य सरकार पर वैट की दरों में कमी करने का दवाब लगातार बढ़ रहा है. झारखंड में पेट्रोल-डीजल पर 22 प्रतिशत वैट और एक रुपये का सेस लागू है. झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार ने जनता की मांग को देखते हुए पेट्रोल पर 3 रुपये 20 पैसे जबकि डीजल पर 3 रुपये 90 पैसे की कटौती की गई है. इसके अलावा देश के 8 राज्यों ने 7 रुपये तक की कटौती की है. इसे लेकर सियासत जारी है. विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर था.


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