झारखंडः शिक्षा विभाग ऐसे कर रहा तैयारी, नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलेगा सिलेबस

राज्य के सरकारी स्कूलों का सिलेबस नई शिक्षा नीति के अनुसार 2023 के शैक्षणिक सत्र से बदलना है। नया सिलेबस बनाने की तैयारी स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने शुरू कर दी है। इसके लिए सभी जिलों से योग्यताधारी शिक्षकों को शॉर्ट लिस्ट किया जा रहा है।

Update: 2022-01-25 04:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य के सरकारी स्कूलों का सिलेबस नई शिक्षा नीति के अनुसार 2023 के शैक्षणिक सत्र से बदलना है। नया सिलेबस बनाने की तैयारी स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने शुरू कर दी है। इसके लिए सभी जिलों से योग्यताधारी शिक्षकों को शॉर्ट लिस्ट किया जा रहा है।

झारखंड शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद ने सभी जिलों से एमए, एमकॉम, एमएससी, एमएड, एमए इन एजुकेशन, एमए इन आर्ट्स और एमए इन पीएचई किए शिक्षक और शिक्षिकाओं की लिस्ट मांगी गई है। प्राइमरी, मिडिल, हाई और प्लस टू स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की जिलों को जानकारी देनी होगी। जेसीईआरटी ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि कोई शिक्षक इसमें न छूटे। जो भी पीजी योग्यताधारी शिक्षक हैं, चाहे वह प्राइमरी, मिडिल या फिर हाई स्कूल के ही क्यों न हों, उनकी सूची उपलब्ध कराई जाए। जिलों को शिक्षक का नाम, किस स्कूल में कार्यरत हैं, स्कूल का यू डाइस कोड, शिक्षक की जन्मतिथि, नियुक्ति की तिथि, शैक्षणिक योग्यता, उच्चतर शैक्षणिक व उच्चतर प्रशैक्षणिक योग्यता, उच्चतर शैक्षणिक योग्यता का विषय, शिक्षक का मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और शिक्षक अगर कहीं प्रतिनियोजन में हैं तो उसकी जानकारी देनी होगी।
विषयवार सिलेबस तैयार करने में लगेंगे शिक्षक
नई शिक्षा नीति में शिक्षकों को विषयवार सिलेबस तैयार करने में लगाया जाएगा। शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के अनुसार पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद शिक्षकों को उसी अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करना होगा। इसके लिए शिक्षकों की टीम तैयार की जाएगी। हर विषय के लिए अलग-अलग टीम होगी, जो संबंधित विषय की टीम के साथ को-ऑर्डिनेट कर सिलेबस तैयार करेगी। हाई और प्लस टू स्कूलो के पाठ्यक्रम में वैसे अध्याय जो बच्चे पिछले क्लास में पढ़ चुके हैं और उसकी उतनी आवश्यकता नहीं है, तो उसे शामिल नहीं करेंगे।
शिक्षकों को करेंगे ट्रेंड
योग्यताधारी शिक्षक राज्य के अन्य शिक्षकों को ट्रेंड भी करेंगे। इसके लिए बीच-बीच में शिक्षकों की ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग होगी। योग्यताधारी शिक्षकों को इसके लिए लगाया जाएगा। स्कूलों में पठन-पाठन की बजाए इन कामों को करने के लिए शिक्षकों से पहले सहमति ली जाएगी। जो इसके लिए इच्छुक होंगे उन्हें इसमें लगाया जाएगा।


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