झारखंड विधानसभा: JPSC मामले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सदन में फाड़ने पर हंगामा, कार्यवाही स्थगित
झारखंड विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा के प्रारंभ में ही हजारीबाग से भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने जेपीएससी के मुद्दे पर अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की प्रति यह कहते हुए फाड़ दी।
रांची, झारखंड विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा के प्रारंभ में ही हजारीबाग से भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने जेपीएससी के मुद्दे पर अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की प्रति यह कहते हुए फाड़ दी, कि उन्हें अब इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है, इसिलए प्रस्ताव को पढ़ने का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी कर दिया। भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने शून्यकाल के दौरान सदन में अपना ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पढ़ने की बजाय उसे फाड़ दिया और विपक्ष के प्रति सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।
भाजपा विधायक के इस कदम का झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में गये विधायक प्रदीप यादव ने विरोध किया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। उनका समर्थन में पहले कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और फिर कई अन्य सत्ता पक्ष के सदस्य आ गए। सदन के नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी जयसवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र महतो ने आश्वासन दिया कि विधायक के खिलाफ इस व्यवहार के लिए अवश्य कार्रवाई होगी।
विधानसभा अध्यक्ष की टिप्पणी सुनने के बाद पूरा विपक्ष अध्यक्ष के आसन के सामने आ गया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा। इसके जवाब में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं कांग्रेस के विधायक भी आसन के सामने आकर विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। हंगामा देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार विपक्ष की मांगों का ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों से भाजपा विधायक सदन में अध्यक्ष के आसन के सामने और सदन के बाहर भी जेपीएससी घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। यह जनहित का मामला है और हजारों विद्यार्थियों के भविष्य के सवाल से जुड़ा हुआ है।