Jamshedpur तकनीकी खराबी रिम्स में 25 जांच बंद, सदर में बढ़ी मरीजों की भीड़
रिम्स में 25 जांच बंद, सदर में बढ़ी मरीजों की भीड़
झारखण्ड रिम्स में एक बार फिर से जांच के लिए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कंप्लीट एलएफटी, आरएफटी, यूरिया, क्रिएटीनिन सहित दो दर्जन से अधिक तरह की जांच नहीं हो पा रही है. रिम्स में जांच बंद हो जाने से मरीज सदर अस्पताल की ओर जांच कराने के लिए रुख कर रहे हैं, जिससे सदर अस्पताल का लोड बढ़ा है.
इधर, रिम्स में आरएफटी जांच नहीं हो पाने से मरीजों को एमआरआई में भी परेशानी हो रही है. बिना आरएफटी रिपोर्ट के एमआरआई नहीं हो पाती. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण रीएजेंट सप्लाई नहीं हो पाना है. रीएजेंट सप्लाई के लिए टेंडर अब तक तीन बार रद्द हो चुका है. चौथी बार टेंडर प्रक्रियाधीन है.
वहीं तत्काल रीएजेंट सप्लाई के लिए टेंडर दिया गया है, पर कंपनी उसे उपलब्ध कराने में कम-से-कम एक सप्ताह लगाएगी. ऐसे में मरीजों को एक सप्ताह और परेशान रहना होगा. बता दें कि एलएफटी, आरएफटी, सोडियम, पोटेशियम जैसे जांच नहीं होने से हर दिन करीब 1500 से अधिक मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इतने मरीजों को इस जांच के लिए बाहर के केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है.
सदर पैथोलॉजी के इंचार्ज बोले-हमपर बहुत लोड बढ़ गया है
रिम्स में जांच व्यवस्था सही नहीं होने के कारण कई मरीज प्राथमिक जांच कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल में पहले तीन सौ के करीब ही लोगों की जांच की जाती थी. सदर पैथोलॉजी के इंचार्ज डॉ विमलेश ने बताया कि सदर में लोड बहुत बढ़ गया है. हर दिन 1500 से अधिक मरीज जांच कराने पहुंच रहे हैं. सभी मरीजों को चौबीस घंटे के अंदर ही जांच रिपोर्ट उपलब्ध भी करा दी जा रही है. बता दें कि कई मरीज ऐसे हैं, जो रिम्स में जांच नही हो पाने के कारण सदर के ओपीडी में दिखाते हैं. वहां के डॉक्टर से जांच लिखाने के बाद वे सदर में जांच करा लेते हैं. इसका फायदा ये होता है कि उन्हें रिपोर्ट भी एक दिन में मिल जाती है.