जमशेदपुर एन प्रोटोटाइप में रीसाइक्लिंग इलेक्ट्रॉनिक्स की बैटरी होगी, राज्य का पहला रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किया गया है।
राज्य का पहला रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किया गया है।
झारखण्ड जमशेदपुर देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) की क्रांति को रफ्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसके लिए पहली बार जमशेदपुर में बैटरी रीसाइकिल पायलट फैसिलिटी शुरू की गई है. यह पायलट प्रोजेक्ट नेशनल मेटलर्जिकल लेब्रोटरी (एनएमएल) जमशेदपुर में शुरू की गई है.
रीसाइकिल प्लांट में पुरानी बैटरी से लीथियम, निकेल, मैग्निज और कोबाल्ट को पुन उपयोग के लिए निकाला जा सकेगा, ताकि नए बैटरी के उत्पादन के लिए इन धातुओं की आवश्यकता पूरी की जा सके.
एनएमएल परिसर में पहली बार स्थापित इस बैटरी रीसाइकिल फैसिलिटी से एक टीपीडी (एक टन प्रतिदिन) बैटरी डिसमेंटल कर कैथोड मेटेरियल को पुरानी बैटरी से पृथक किया जा सकता है. इस फैसिलिटी में एनएमएल द्वारा लीथियम आयन बैटरी समेत निकेल आधारित बैटरी को रीसाइकिल किया जा सकेगा. सेटअप में बैटरी बनाने के लिए आम तौर पर विदेशों से इंपोर्ट किए जाने वाले क्रिटिकल मेटल्स को दोबारा इस्तेमाल के लिए पुरानी बैटरी से पृथक किया जा सकेगा.
एनएमएल की पेटेंट तकनीक का होगा इस्तेमाल सेटअप को एनएमएल द्वारा पेटेंट की गई तकनीक का इस्तेमाल कर बैटरी की रीसाइक्लिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. एनएमएल के लिए इस तकनीक को प्रतिमा मेसराम, अभिलाष व संजय कुमार ने इन्वेंट किया है. सेटआप की तकनीक को दो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के साथ साझा कर इसके कमर्शियल उत्पादन को शुरू करने की दिशा में पहल की गई है.
जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में बड़ी पहल एनएमएल जमशेदपुर में इस सेटअप का ऑपरेशन शुरू किया गया. एनएमएल जमशेदपुर ने दावा किया है कि इस तकनीक से पूरे भारत में जीरो कार्बन उत्सर्जन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उत्पादन को लेकर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में बड़ी मदद मिलेगी. इससे प्रदूषण भी कम होगा.