Jamshedpur जमशेदपुर : शहर की पुरानी संस्थाओं (1923) में सुमार ओडिया समाज की उत्कल समाज गोलमुरी का चुनाव रविवार को हो-हंगामे के कारण स्थगित हो गया. चुनाव स्थगित होने पर सत्ता पक्ष ने इसे विरोधियों की सुनियोजित साजिश बताया. वहीं विपक्ष ने नियम विरूद्ध चुनाव कराने का हवाला देकर चुनाव स्थगित करने एवं इसका बहिष्कार किया. हंगामे के कारण मौके पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी ने चुनाव पदाधिकारी से चुनाव स्थगित करने की बात कही. इसके बाद चुनाव पदाधिकारी ने चुनाव स्थगित कर दिया. इसकी सूचना एसडीओ (धालभूम) को दी जाएगी. एसडीओ के आदेश के बाद ही इस मामले में कोई निर्णय लिया जाएगा. समाज के पूर्व सचिव सह संस्था के आजीवन सदस्य गोविंदा स्वाईं ने बताया कि वर्तमान कमिटी नियम विरुद्ध जाकर चुनाव करा रही थी, जिसका आजीवन सदस्यों ने विरोध किया.
कई खामियों के कारण सदस्यों ने किया चुनाव का बहिष्कार
उन्होंने कहा कि पूर्वजों की विरासत को वर्तमान कमिटी मनमाने ढंग से संचालित कर रही थी. चुनाव कराने से पहले आमसभा बुलायी जानी चाहिए थी. उसमें कार्यकाल का लेखा-जोखा देना चाहिए था. साथ ही पुरानी कमिटी को भंग कर एडहॉक कमिटी गठित होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. यहां तक कि मतदाता सूची का प्रकाशन भी नहीं किया गया. मनमाने तरीके से 19 जुलाई को नामांकन की तिथि घोषित कर दी गई. इसकी सभी सदस्यों को सूचना नहीं मिली. इन्हीं सब खामियों के कारण आजीवन सदस्यों ने चुनाव का विरोध एवं बहिष्कार किया. उन्होंने कहा कि एसडीओ की निगरानी में नियम संगत चुनाव होने चाहिए. दूसरी ओर अध्यक्ष अनंत कुमार पाणि ने बताया कि सारी प्रक्रियाएं नियम संगत हो रही थीं, जो कुछ लोगों को पसंद नहीं थी. इसी कारण एक सुनियोजित साजिश के तहत चुनाव में व्यवधान उत्पन्न किया गया.
पूर्व में भी हो चुका है विवाद
पुरानी कमिटी में 11 ऑफिस बियरर होते थे, लेकिन अनंत नारायण पाणि के नेतृत्व में गठित कमिटी ने ट्रस्टी व्यवस्था खत्म कर ऑफिस बियरर की संख्या 19 कर दी. यही नहीं पहले दो वर्ष में चुनाव होते थे. लेकिन वर्तमान कमिटी ने कार्यकाल बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया. वर्तमान कमिटी के उपाध्यक्ष निरंजन महापात्रो के साथ विवाद होने के बाद मामला थाना एवं कोर्ट तक पहुंचा. उनके निर्वाचन को कोर्ट ने वैध ठहराया. इसी बीच अनंत कुमार पाणि की टीम ने जुलाई में एक बैठक करके चुनाव की तिथि घोषित कर दी. 19 जुलाई को नामांकन की तिथि निर्धारित की गई. लेकिन कई आजीवन सदस्यों को उसी दिन इसकी जानकारी मिली. इसके कारण सदस्यों में नाराजगी थी.
इन पदों के लिए होने थे चुनाव
अध्यक्ष एक, सचिव एक, उपाध्यक्ष दो, कोषाध्यक्ष एक बाकि कार्यकारिणी सदस्य.