Jamshedpur : ड्रॉप ऑउट बच्चों के लिए 31 जुलाई तक चलेगा

Update: 2024-07-20 14:44 GMT

Jamshedpur जमशेदपुर : स्कूल नहीं जाने वाले या स्कूल छोड़ देने वाले बच्चों को पुनः स्कूल लाने के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में रूआर-24 (बैक टू स्कूल कैंपेन) चलाया जा रहा है. 31 जुलाई तक चलने वाले सघन अभियान के दौरान उपरोक्त श्रेणी के बच्चों को हर हाल में स्कूल लाकर उनका दाखिला करना है. इसके लिए शनिवार को सिदगोड़ा टाउन हॉल में सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें प्रशासनिक, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल हुए. इस अभियान में सभी की सहभागिता सुनिश्चित की गई. खासकर पंचायत प्रतिनिधियों, स्कूल के शिक्षकों एवं बच्चों के अभिभावकों को शिक्षा से वंचित बच्चों के बारे में प्रेरित कर उन्हें वापस
स्कूल लाने पर जोर दिया गया.
नई शिक्षा नीति और बाल शिक्षा अधिकार कानून में निर्धारित प्रावधान के तहत 5 से 18 वर्ष के बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल की शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान है. सेमिनार में मौजूद उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि समीक्षा के क्रम में यह पाया जाता है कि कई स्कूलों में या तो बच्चों की उपस्थिति नहीं है य उनका अटेडेंस नहीं बन रहे हैं. बच्चों को स्कूल में रोचक माहौल दें ताकि वे खुशी-खुशी स्कूल आएं. चुनौती को सकारात्मक तरीके से लेते हुए ड्रॉप आउट बच्चों को वापस स्कूल लाने के लिए विशेष पहल की जरूरत है. किसी बच्चे के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है. उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता है.
बच्चों के स्कूल नहीं आने के कारणों की समीक्षा करें पदाधिकारी
जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी समीक्षा करें कि किस कारण से बच्चे स्कूल आना बंद कर रहे हैं. मुखिया, वार्ड सदस्य, प्राचार्य, शिक्षक व अभिभावक कमिटी बनाकर समेकित प्रयास करें. चुनौतियों को सामने रखकर समाधान ढूंढे. कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित ना रहे इसे लेकर राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. छात्रवृत्ति, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, साइकिल वितरण, मध्याह्न भोजन जैसी योजनाओं का अच्छादन बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए किया जाना चाहिए. किसी भी कारण से स्कूल नहीं जा रहे बच्चों को स्कूल में एक बार फिर से नामांकित करना है. किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहे बच्चों को इसकी सुविधा देनी है. उप विकास आयुक्त मनीष कुमार ने उपस्थित पंचायत प्रतिनिधयों का आह्वान किया कि सौ फीसदी साक्षर ग्राम से सौ फीसदी डिजिटल लिटरेसी की ओर कदम बढ़ाना तभी संभव है. जब सभी सामूहिक रूप से प्रयास करें.
वंचित बच्चों के अभिभावकों से मिलेंगे अधिकारी
क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, कोल्हान प्रमंडल ने कहा कि अभियान के तहत विद्यालय से बहर रह गए बच्चे, प्रवासी बच्चे एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चे के माता-पिता तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि एक भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे तथा 5 से 18 आयु वर्ग के सभी बच्चे विद्यालय में नामांकित हो और अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करे. विद्यालय से बाहर रह गए बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन एवं उपस्थिति, पिछले वर्षों में कक्षा 1 से 11 तक के नामांकित सभी बच्चों का अगली कक्षा में शत प्रतिशत नामांकन एवं उपस्थिति, सभी बच्चों की उपस्थिति ई- विद्यावाहिनी में दर्ज करना तथा नव नामांकित बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करना कार्यक्रम का उद्देश्य है. सेमिनार के बाद एक जागरुकता रथ भी रवाना किया गया.
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