चेन्नई, । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि भारत अपने जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट का इस्तेमाल करते हुए 29 मई की सुबह अपना पहला और दूसरी पीढ़ी का नेविगेशन उपग्रह अंतरिक्ष मेंभेजेगा। नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-01 में पहली बार स्वदेशी एटॉमिक क्लॉक उड़ाई जाएगी।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, रॉकेट जीएसएलवी-एफ12 अपने साथ 2,232 किलोग्राम एनवीएस-01 नेविगेशन उपग्रह को ले जाने के लिए आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 10.42 बजे प्रक्षेपित होने वाला है। रॉकेट उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में पहुंचाएगा, जहां से इसे ऑनबोर्ड मोटर्स को फायर करके आगे ले जाया जाएगा।
इसरो ने कहा कि एनवीएस-01 दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है, जिसे नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन सेवाओं के लिए परिकल्पित किया गया है। उपग्रहों की एनवीएस श्रृंखला उन्नत सुविधाओं के साथ एनएवीआईसी को बनाए रखेगी और बढ़ाएगी।
इस श्रृंखला में सेवाओं का विस्तार करने के लिए अतिरिक्त रूप से एल1 बैंड सिग्नल शामिल हैं। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने पहले लॉन्च किए गए सभी नौ नेविगेशन उपग्रहों पर आयातित परमाणु घड़ियों का इस्तेमाल किया था।