बीएड और डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए स्कूल आवंटन में अनियमितता

Update: 2023-01-27 10:05 GMT

राँची न्यूज़: झारखंड के बीएड और डीएलएड करने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों को स्कूलों में भेजने में अनियमितता बरती जा रही है. छात्र-छात्राओं (प्रशिक्षु शिक्षक) को प्रशिक्षण के दौरान पांच माह तक स्कूलों में पढ़ाने का प्रावधान है. लेकिन, इन्हें वैसे स्कूलों में भेजा जा रहा है जहां छात्रों के अनुपात में शिक्षक अधिक हैं. ऐसे में इन्हें बच्चों को पढ़ाने का मौका ही नहीं मिल रहा है. इस वजह से इनका प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा है.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा हर जिले में स्कूलों के निरीक्षण के दौरान यह तथ्य उभरकर सामने आए हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने इस पर संज्ञान लिया है और इसे दुरुस्त करने का जिलों को निर्देश दिया है. बता दें कि जिलों में अनेक ऐसे विद्यालय हैं, जहां छात्र के अनुपात में शिक्षकों की संख्या कम है. बीएड-डीएलएड में नामांकित प्रशिक्षुओं को अभ्यास पाठ संचालन के लिए अगर इस तरह के स्कूलों को आवंटित कर काम लिया जाता तो उन स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई तो बेहतर हो ही जाती, प्रशिक्षुओं को बेहतर प्रशिक्षण भी मिल जाता. साथ ही वहां पहले से कार्यरत शिक्षकों को भी परेशानी नहीं होती.

डीईओ और डीएसई करते हैं स्कूलों का निर्धारण राज्य में बीएड और डीएलएड कर रहे सभी छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण अवधि में प्रैक्टिस टीचिंग क्लासेज के लिए स्कूलों में भेजा जाता है. इसके लिए प्रशिक्षु किस स्कूल में जाएंगे, इसका निर्धारण जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक करते हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने कहा है कि प्राय यह देखा गया है कि प्रैक्टिस टीचिंग क्लासेस के लिए डीईओ-डीएसई वैसे स्कूलों का आवंटन करते हैं, जहां छात्र के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक होती है. ऐसा करने से प्रशिक्षुओं को पढ़ाने का पूरा अवसर नहीं मिल पाता.

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