तेज़ाब पीने के लिए मजबूर लड़की के इलाज के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दें: झारखंड सरकार को हाईकोर्ट

झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया।

Update: 2023-04-06 08:09 GMT
झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह हजारीबाग की एक 13 वर्षीय लड़की के पुनर्वास और उपचार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताए, जिसे कथित तौर पर तेजाब पीने के लिए मजबूर किया गया था। मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य सरकार और राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को सरकार के खर्च पर लड़की का इलाज सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। पीठ बुधवार को अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने इचाक पुलिस थाने के जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और मामले की जांच की स्थिति से अवगत कराने के लिए भी समन जारी किया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की 10 मई को फिर से सुनवाई होगी। कक्षा 8 की छात्रा को कथित तौर पर दिसंबर 2019 में तेजाब पीने के लिए मजबूर किया गया था, क्योंकि उसने एक व्यक्ति के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। घटना के बाद उसके मुंह से काफी खून बहना शुरू हो गया था, जिसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे रांची में राज्य द्वारा संचालित रिम्स में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन उसके माता-पिता बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए एम्स-पटना ले गए।
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए और बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया जाएगा। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने कहा कि आरोप बहुत गंभीर हैं और पुलिस सही भावना से जांच नहीं कर रही है।
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