Jharkhand में छोटे-छोटे विवाद में हो रही हिंसक झड़प की घटनाएं

Update: 2025-02-13 09:18 GMT
Ranchi रांची : झारखंड में छोटे-छोटे विवाद में भी हिंसक झड़प की घटनाएं हो रही हैं. पिछले एक महीने के दौरान राज्य के अलग-अलग जिलों में छोटे-छोटे विवाद में हिंसक झड़प की कई घटनाएं हुई हैं. इनमें आम लोग तो घायल हो ही रहे हैं, साथ ही पुलिस वाले भी हिंसक झड़प के दौरान घायल हो रहे हैं. इसके अलावा गोलीबारी और वाहनों में आगजनी जैसे घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
 छोटे-छोटे विवाद ले रहे हिंसक झड़प का रूप
– 12 फरवरी: कोडरमा के डोमचांच रुपनडीह में दो माह से रविदास मंदिर के सामने लगे श्री राम का पोस्टर हटाने के विवाद को लेकर बुधवार को दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गई. इस दौरान जमकर मारपीट और पत्थरबाजी हुई. इसमें दोनों पक्षों के कई लोग समेत डोमचांच थाना प्रभारी ओम कुमार,पुलिस इंस्पेक्टर विनोद कुमार सहित कई पुलिस कर्मी घायल हो गए.
– 08 फरवरी 2025: धनबाद बीसीसीएल लोदना एरिया दस के अलकडीहा ओपी क्षेत्र में ग्रामीणों और आउटसोर्सिंग के गुर्गों के बीच हिंसक झड़प की घटना घटी. इस हिसंक झड़प में महिला और पुरुष मिलाकर कुल 12 लोग घायल हुए हैं. वहीं दो दर्जन से अधिक बाइक को आगे के हवाले कर दिया गया.
– 09 जनवरी 2025: धनबाद के मधुबन थाना क्षेत्र में गुरुवार को हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी के परिसर में हिंसक झड़प हुई. रैयतों और कंपनी समर्थकों के बीच हुई इस झड़प में फायरिंग और बमबाजी भी हुई. इस घटना में बाघमारा डीएसपी प्रोसत्तम कुमार सिंह समेत करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए.
– 06 फरवरी: गिरिडीह के गावां के हरिजन टोला में लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इसमें मुखिया के बेटा व मां समेत टोले के कुल नौ लोग घायल हो गए थे. मामूली बात पर हुए विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया था.
झारखंड में छोटे-छोटे त्यौहार भी संवेदनशील होते जा रहे हैं
झारखंड में छोटे-छोटे त्यौहार भी संवेदनशील होते जा रहे हैं. इस बात का खुलासा झारखंड पुलिस की रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के कुछ वर्षों में कम संवेदनशील त्यौहारों (सरस्वती पूजा, गणेश पूजा, मिलाद उन नबी) में भी विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है. झारखंड के जो क्षेत्र पहले सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील नहीं थे, अब वहां भी पर्व-त्यौहारों में अशांति का माहौल देखा जा रहा है. इसमें संथाल परगना के सभी जिले सहित कोडरमा जिला शामिल
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आयी है कि इन दिनों लगभग सभी पर्व-त्यौहारों में निकलने वाले जुलूसों में युवा, बच्चे और विशेषकर महिलाओं की बड़ी भागीदारी है.
Tags:    

Similar News

-->