पति को बंधक बना पत्नी से गैंगरेप, दस दोषियों को मिली 25 साल सश्रम कारावास की सजा, 3 लाख जुर्माना

पति को बंधक बना पत्नी से गैंगरेप

Update: 2022-05-31 15:48 GMT

दुमका के व्यवहार न्यायालय के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार मिश्रा की अदालत ने पति को बंधक बना कर उसकी 35 वर्षीया पत्नी के साथ दिसंबर 2020 में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के घासीपुर गांव में किए गए सामूहिक दुष्कर्म मामले में दस दोषियों को 25 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर माना गया है. दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में 08 दिसम्बर 2020 को हुए गैंगरेप के इस मामले का राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखण्ड के डीजीपी को समयबद्ध ढंग से इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

12 की हुई थी गिरफ्तारी
इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से दो नाबालिग थे. जिनका मामला जेजेबी में चल रहा है. जिन अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है. उनमें मंगल मुर्मू उर्फ मामू, मनोज मोहली, मनोज मोहली-2, बोदीलाल मोहली, संतोष हेम्ब्रम उर्फ मोहली, विकास मोहली शामिल हैं. गैंगरेप के 10 अभियुक्तों को कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार दिया था. मंगलवार को सजा की बिन्दु पर अभियोजन पक्ष की ओर से पीपी चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की अधिवक्ता सोमा गुप्ता की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दसों अभियुक्तों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भादवि की धारा 376डी (गैंगरेप) में 25 साल की कैद और जुर्माना की सजा सुनायी.
जुर्माना राशि नहीं देने पर ढाई वर्ष अतिरिक्त सजा
जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर ढाई वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इसके अलावा भादवि की धारा 354/34 में पांच साल की कैद व जुर्माना तथा जुर्माना नहीं देने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास और 342/34 में एक साल की कैद व जुर्माना तथा जुर्माना नहीं अदा करने पर एक माह की अतिरिक्त कारवास की सजा भी सुनाई गई है.
महिला ने 17 युवकों पर लगाया था गैंगरेप का आरोप
धान झाड़ने में सहयोग के लिए गांव आई पांच बच्चों की मां 08 दिसम्बर 2020 को जब हटिया से पति के साथ वापस लौट रही थी तो मुफस्सिल थाना क्षेत्र में उसके पति को बंधक बनाकर युवकों ने उसके साथ बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म किया था.
09 दिसम्बर 2020 को पीड़िता अपने पति और गांव वालों के साथ मुफस्सिल थाना पहुंची थी और राम मोहली सहित दो नामजद एवं अन्य 16-17 अज्ञात लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 376डी, 349, 342, 504 व 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई थी.
घटना की जानकारी मिलने के बाद डीआईजी सुदर्शन कुमार मंडल और एसपी अंबर लकड़ा थाना पहुंचे थे और महिला से पूछताछ की थी. दुष्कर्म करने वालों में शामिल युवकों में से महिला राम मोहली को पहचानती थी पर पुलिस के जांच में नामजद अभियुक्त राम मोहली को निर्दोष पाते हुए उसे चार्जसीट से बाहर कर दिया था.
सबसे पहले मंगल उर्फ मामू की गिरफ्तारी हुई थी
एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच कि तो पाया कि गैंगरेप की घटना में 17 नहीं बल्कि 12 लोग ही शामिल थे. जिसमें से दो नाबालिग थे. 10 दिसंबर 2020 को पुलिस ने इस मामले में मंगल मोहली उर्फ मामू को गिरफ्तार किया था. जबकि 15 दिसंबर को बोदीलाल मोहली, संतोष मोहली और मनोज मोहली के अलावा एक नाबालिग को गिरफ्तार किया गया था.
बाद में एक नाबालिग समेत अन्य सात अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. दोनों नाबालिग का केस जेजेबी में चला जबकि 10 अभियुक्तों का मामला द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश में चल रहा था.
गांव में लगा था रास मेला
मूल रूप से काठीकुंड निवासी महिला के पति ने बताया था कि वह अपनी पत्नी के साथ धान झाड़ने में सहयोग के लिए ससुराल आया था. मंगलवार को गांव में हाट लगता है और इसी दिन ही गांव में रास मेला का भी आयोजन किया गया था. वह पत्नी के साथ मंगलवार 08 दिसंबर 2020 की देर शाम करीब आठ बजे हटिया से घर लौट रहा था.
रास्ते में नशे में घुत्त करीब 17-18 लड़के खड़े थे. पांच लड़कों ने उसे पकड़ लिया बाकी लड़के पत्नी को उठाकर झाड़ियों की ओर ले गए. जहां सभी लड़कों ने पत्नी के साथ गलत काम किया. घटना को अंजाम देने के बाद किसी को बताने पर जान मारने की धमकी देकर सभी चले गए.

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