लॉकडाउन में लौटे प्रवासी लोगों से बढ़ा एचआईवी

Update: 2023-07-26 12:22 GMT

धनबाद न्यूज़: कोविड लॉकडाउन में लौटे प्रवासियों के कारण तीन जिलों में एचआईवी के मामले बढ़े हैं. 33 नए संक्रमितों में दो महिला समेत 19 कोविड लॉकडाउन में घर लौटे थे.

सभी पीड़ित 26 से 35 साल के बीच के हैं. कोविड लॉकडाउन में घर लौटे प्रवासियों के कारण धनबाद, बोकारो और गिरिडीह में एचआईवी के मामले बढ़े हैं. धनबाद मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन और कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है.

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) ने रिसर्च प्रायोजित किया था. तीन जिलों में तीन महीने तक चले रिसर्च में 33 एचआईवी मरीजों की पड़ताल की गई. रिसर्च में मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यूके ओझा, कम्यूनिटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रवि रंजन झा और डॉ ऋषभ राणा शामिल थे. डॉ राणा के अनुसार 33 एचआईवी संक्रमितों पर रिसर्च के दौरान 19 ऐसे संक्रमित मिले जो बाहर काम करते थे और कोविड लॉकडाउन के दौरान घर लौटे थे. इनमें 17 पुरुष और दो महिलाएं हैं. यहां आने पर उनकी तबीयत खराब हुई और जांच में उनके एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चला. सभी 26 से 35 साल के बीच के हैं.

रिसर्च टीम ने झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी के माध्यम से नाको को अपनी रिपोर्ट भेज दी है.

आठ की पत्नियां हो चुकी हैं संक्रमित रिसर्च में यह भी पता चला है कि घर वापसी के बाद उन्होंने अपने पार्टनर से संबंध बनाए. इस कारण 17 पुरुष संक्रमित में से आठ संक्रमित की पत्नियां भी संक्रमित हो चुकी हैं. जांच में उनकी भी एचआईवी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. शेष नौ संक्रमितों की पत्नियां भी हाई रिस्क में हैं. उनके भी संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है.

दो मिले समलैंगिक रिसर्च के दौरान पूछताछ में दो संक्रमितों ने रिसर्च टीम को बताया कि वे समलैंगिक हैं. दोनों पुरुष हैं. वे जहां काम करते थे, वहां उनके पुरुष पार्टनर थे. उनके साथ उन्होंने शारीरिक संबंध बनाया था, जिससे वे संक्रमित हुए हैं.

जागरुकता की कमी बड़ा कारण रिसर्च टीम ने अपनी फाइंडिंग में लोगों में जागरुकता की कमी और जानकारी के अभाव को एचआईवी का बड़ा कारण बताया है. यह सलाह दी है कि जहां भी बड़ी संख्या में लोग काम करने के लिए जाते हैं, वहां एचआईवी को लेकर विशेष जागरुकता अभियान और समय-समय पर जांच अभियान चलाया जाए. खासकर वहां जहां मजदूर किस्म के लोग ज्यादा तादाद में होते हैं. इससे लोगों को एचआईवी की जानकारी होगी और वे सावधान रहेंगे.

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