मंकीपॉक्स को लेकर झारखंड में हाई अलर्ट

देश में जारी कोरोना के चौथे लहर के बीच मंकीपॉक्स का खतरा मंडराने लगा है

Update: 2022-07-27 16:09 GMT

रांची:Monkeypox In Jharkhand: देश में जारी कोरोना के चौथे लहर के बीच मंकीपॉक्स का खतरा मंडराने लगा है. झारखंड में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. गढ़वा जिले में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मिलने के बाद राज्य के सभी जिलों में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.

आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्देश
गढ़वा में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मिलने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मंकीपॉक्स को लेकर एक संदिग्ध मामला आया है. फिलहाल संदिग्ध का सैंपल लेकर पुणे और रांची रिम्स में जांच के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने तक मरीज को आइसोलेट किया गया है और मरीज की लगातार निगरानी हो रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद उस पर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. कोरोना के साथ-साथ मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए भी अलग से आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से हाई अलर्ट पर है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने मंकीपॉक्स के लक्षण वाले मरीजों के उपचार और प्रबंधन के लिए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में कम-से-कम 5 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने का निर्देश दिया है.
7 दिन के बाद नजर आते हैं लक्षण
वहीं सदर हॉस्पिटल के सिविल सर्जन विनोद कुमार ने बताया कि मंकीपॉक्स बीमारी से ज्यादा डरने की बात नहीं है. मंकीपॉक्स पहले से बीमार लोगों पर ज्यादा असर करता है. यह बीमारी जानवरों से फैलती है. इसके सिम्टम्स 7 दिन के बाद कि नजर आते हैं. जिसमें शरीर दर्द ,बुखार, खांसी, सर्दी जैसे सारे लक्षण दिखाई देते हैं और लगभग 2 से 3 हफ्ते में यह बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है..जो लोग पहले से स्मॉल पॉक्स से वैक्सीनेटेड हैं, वे लोग ज्यादा सुरक्षित हैं.


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