ईडी समन के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका 18 को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जमीन घोटला से रखी गई
एजेंसी के इसपर सुनवाई तक स्पष्ट नहीं होगी।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री सोलोमन सोरेन की ओर से 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में डीएवी के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एमा मुकुल रोहतगी की सुनवाई के लिए एक सप्ताह के लिए सूचीबद्ध की गई थी, लेकिन बटलर सोरेन की ओर से बहस करने वाले ने एक सप्ताह के लिए बहस की। टालने का आग्रह.
कोर्ट ने यह आग्रह स्वीकार कर लिया। बता दें कि सोरेन ने सुधा की ओर से उनसे पूछताछ के लिए समन को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी याचिका में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) 2002 की धारा 50 और 63 की धारा 50 और 63 पर सवाल उठाया है। जांच एजेंसी की धारा 50 के तहत बयान दर्ज करने या पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। इसलिए समन जारी करने के बाद अपराधी का डर बना हुआ है।
सीएम स्टालिन सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि समन को दोषी ठहराया जाए और पीक एक्शन न लेने का आदेश दिया जाए। बता दें कि एचडीएफसी ने रसेल सोरेन को अगस्त में तीन बार समन से पूछताछ के लिए एचडीएफसी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में शामिल होने की बात कही थी। सोरेन से किसी समन पर उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने डी.एच.डी. की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित होकर अपने नामांकित निदेशक को पत्र लिखा था। उन्हें सूचित किया गया था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रिट फाइल के खिलाफ यह कार्रवाई की है, इसलिए एजेंसी के इसपर सुनवाई तक स्पष्ट नहीं होगी।
राधाकृष्णन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। स्टालिन सोरेन ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में 24 अगस्त को याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा समन की प्रक्रिया को चुनौती दी है। अपनी याचिका में रसेल सोरेन ने कहा है कि ईडी द्वारा उन्हें समन कर बुलाया जाना गलत है। बता दें, अब अधेड़ ने 3 बार समन जारी करने के लिए माइकल सोरेन से पूछताछ की है।