हड़ताल से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराईं, 2005 से सेवा दे रहे हैं कर्मचारी
जमशेदपुर न्यूज़: जिले की 2144 सहिया और 400 पारा चिकित्साकर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. मरीज भगवान भरोसे हैं. पिछले एक सप्ताह से जिले के सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों में ताला लटक रहा है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण, गर्भवती की जांच से लेकर स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं. हड़ताल में अनुबंध पर बहाल एएनएम, जीएनएम, पैथोलॉजिस्ट, फॉर्मासिस्ट शामिल हैं. इस कारण जिले के सारे स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद हैं. स्थायी एएनएम की सदर अस्पताल में ड्यूटी लगा दी गई है. वहीं, सहिया के स्थान पर ग्रामीण स्वास्थ्य समिति, पोषण समिति की सेवाएं ली जा रही हैं. सिविल सर्जन डॉ. जुझार मांझी ने बताया कि हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं. इसके लिए व्यवस्था की गई है.
अनुबंधित पारा चिकित्साकर्मी संघ के प्रदेश महामंत्री राघव कुमार ने कहा कि 2005 में उनलोगों को अनुबंध पर बहाल किया गया था. 18 वर्षों से विभाग में अनुबंधकर्मी सेवा दे रहे हैं. अब उन्हें दूसरे जगह नौकरी भी नहीं मिलेगी. क्योंकि सभी की उम्र खत्म हो गई है. ऐसे में सरकार को हमलोगों के हित के बारे में सोचना चाहिए. उधर, अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए अनुबंध चिकित्सा कर्मियों और सहियाओं ने आंदोलन तेज कर दिया है. अनुबंध चिकित्साकर्मी 17 जनवरी से हड़ताल पर हैं. से हड़तालियों का राजभवन के समक्ष आमरण अनशन शुरू हो गया है.
बच्चे के जन्म से लेकर बुजुर्ग की मृत्यु में लिया जाता है काम
सहिया संघ की नेत्री अमिता सिंह ने बताया कि एक सहिया 24 घंटे ड्यूटी पर रहती है. बच्चे के जन्म से लेकर बुजुर्ग की मौत में भी सहियाओं से काम लिया जाता है. इसके बाद भी उन्हें हर माह दो से तीन हजार रुपये ही मिलते हैं, जिससे उनका परिवार चलाना मुश्किल है. इसलिए मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.