स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर सहिया दीदी का मानदेय बढ़ाने की मांग की
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को चिट्ठी लिखी है. बन्ना गुप्ता ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी को दौरान केंद्र सरकार के जो दिशा-निर्देश मिले, उसके अनुरूप राज्य में काम किया गया
जनता से रिश्ता। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को चिट्ठी लिखी है. बन्ना गुप्ता ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी को दौरान केंद्र सरकार के जो दिशा-निर्देश मिले, उसके अनुरूप राज्य में काम किया गया और आगे भी काम करेंगे. इसके साथ ही कहा कि राज्य में 40 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता और सहिया दीदी हैं, जिनका मानदेय 5 हजार तय करने की मांग की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य की आशा कार्यकर्ता और सहिया दीदी की बदौलत ही झारखंड में मातृत्व मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने के साथ साथ संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ी है. टीकाकरण अभियान में भी बढ़-चढ़कर काम कर रही हैं. लेकिन राज्य की सहिया दीदी को कार्य आधारित जो प्रोत्साहन राशि मिलती है, वह औसतन 3 हजार से 3.5 हजार रुपये प्रति माह होती है. यह राशि बहुत कम है. इसलिए सहिया दीदी का मानदेय 5 हजार रुपये तय करते हुए केंद्र और राज्यांश 90:10 के अनुपात में रखने की मांग की है. स्वस्थ्य मंत्री ने सहिया के लिए मानदेय की राशि उनके प्रोत्साहन राशि के अलावा देने की मांग की है. इसके साथ ही बन्ना गुप्ता ने केंद्र प्रायोजित स्वास्थ्य योजनाओं और अभियान के लिए भी केंद्र-राज्यांश को बढ़ाकर 90:10 करने की मांग की है.
चिट्ठी की निकाली जा रही राजनीतिक मायने
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के निशाने पर हमेशा केंद्र सरकार रही. केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए बन्ना गुप्ता कहते थे कि उनकी अदूरदर्शिता के कारण देश मे कोरोना का प्रसार हुआ. झारखंड को जितनी वैक्सीन मिलनी चाहिए, उतनी वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. इससे टीकाकरण की रफ्तार धीमी है. इन आरोपों के बावजूद बन्ना गुप्ता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर सहिया दीदी की मांग को रखा है. अब इस पत्र का राजनीतिक मायने निकाला जा रहा है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पंचायत चुनाव है. इस चुनाव से पहले ग्रासरूट स्वास्थ्य कार्यकर्ता सहिया दीदियों को लुभाने के लिए कवायद की गई है. बन्ना गुप्ता की इस चिट्ठी से कितना चुनावी लाभ होगा, यह तो वक्त ही बताएगा.