राँची न्यूज़: झारखंड विधानसभा में कृषि विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 2804 करोड़ रुपये की अनुदान मांग को ध्वनिमत से मंजूरी मिली. कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक सह पूर्व कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कटौती प्रस्ताव रखा, जो ध्वनि मत से खारिज हो गया. विपक्ष के वॉकआउट के बीच कृषि विभाग की अनुदान मांग को मंजूरी मिली.
अनुदान मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री बादल ने कहा कि राज्य तो काम करने के लिए तैयार है, लेकिन केंद्र सरकार उनके हिसाब से काम नहीं करने पर राशि रोक देने की धमकी देती है. मंत्री बादल ने कहा कि कृषि बाजार समिति के मामले में भी ऐसा ही हुआ. पूर्व की सरकार के समय प्रधानमंत्री ने रघुवर दास को पत्र लिखकर कहा था कि आपको अमुक व्यवस्था के तहत काम करना है. अभी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पत्र लिखकर कहते हैं कि फेडरल सिस्टम में सहयोग करें नहीं तो केंद्रीय योजनाओं की राशि रोक दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बाजार समिति शरीर में एक घाव की तरह है. हमारी सरकार इसका इलाज कर रही है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को हमने शौक से बंद नहीं किया था. समीक्षा में पाया गया कि जो राशि सरकार दे रही है, उसमें 14 प्रतिशत राशि ही किसानों के खाते में जा रही थी, बाकी राशि बीमा कंपनी को जा रही थी. अब हमारी सरकार ने अपने स्तर से बीमा शुरू किया है और अबतक 10.56 लाख किसानों के खाते में 367 करोड़ रुपये गए हैं.
लंबोदर बोले- गरजनेवाले बादल बरसते नहीं आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि जो बादल बरसता है गरजता नहीं. यहां बादल महज 17.41 फीसदी ही खर्च कर पाए हैं. आंकड़ों के बाजीगर हैं बादल जी. बजट की पुस्तक में एसएलबीसी के रिपोर्ट के मुताबिक 9.58 लाख किसान कर्ज से बोझ तले दुबे हैं. 1782.22 करोड़ बांटा, लेकिन 7000 करोड़ से अधिक का किसानों का ऋण बाकी है. सरकार आपके द्वार में कई आवेदन आए.
योजनाओं को बंद करना सरकार का काम रणधीर: कृषि विभाग के अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव लाते हुए भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि इस सरकार का काम सिर्फ पूर्व से चली आ रही योजनाओं को बंद करना है. प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना को बंद किया, मुख्यमंत्री कृषि सम्मान योजना को बंद किया. बजट तो विधानसभा से पारित होता है लेकिन खर्च में यह सरकार फिसड्डी है. अबतक कृषि विभाग का मात्र 18 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पायी है.
साढ़े चार लाख हुआ कृषि ऋण माफ रामदास: झामुमो विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि ऋण से मुक्ति के लिए कृषि ऋण माफी योजना लाई गई. साढ़े चार लाख किसान लाभांवित हुए. सुखाड़ पीड़ित किसानों को साढ़े तीन हजार रुपये साढ़े तीन लाख किसान को दिया गया. कृषि समृद्धि योजना सरकार ला रही है. कृषि क्षेत्र में नई तकनीक के लिए कार्यक्रम बनाया जा रहा. किसानों की मूल आय के स्रोत पशुधन हैं, गाय, बकरी, बतख किसान की पूंजी हैं. उनके लिए योजना चालू की गई है.