सदर अस्पताल में अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज फ्री

Update: 2023-06-24 09:22 GMT

राँची न्यूज़: ब्लड कैंसर से भी खतरनाक मानी जाने वाली बीमारी अप्लास्टिक एनीमिया के मरीजों का रांची के सदर अस्पताल में मुफ्त इलाज हो रहा है. हिमेटोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक रंजन की देखरेख में बीते एक महीने में आठ से अधिक मरीज यहां ठीक हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि देश का यह पहला जिला अस्पताल हैं जहां आयुष्मान के तहत इस बीमारी के इलाज की सुविधा है. निजी अस्पतालों में इसके इलाज पर औसतन पंद्रह से बीस लाख खर्च आता है. इस महीने दस वर्षीय अंश राज, 42 वर्षीय जफरूद्दीन, 24 वर्षीय चांदनी और 54 वर्षीय जोगेश्वर महतो का सफल इलाज किया जा चुका है. उन्हें डेढ़ महीने अस्पताल में भर्ती रखकर इलाज किया गया. अब को उन्हें छुट्टी दी जाएगी.

भर्ती के दौरान मुफ्त दवाइयां डॉ अभिषेक ने बताया कि मरीजों का इलाज अस्पताल में आयुष्मान के तहत हो रहा है. ऐसे मरीजों को इलाज के दौरान दवाइयों सहित किसी भी चीज के लिए कोई शुल्क नहीं लगता. उसके बाद छह महीने तक दवा खानी पड़ती है. इसके लिए अधिकतम पैंतीस हजार रुपए की दवा आती है. इसके लिए अस्पताल में डॉक्टर कंपनी के साथ चैरिटेबल तरीके से आधी दवाइयां मुफ्त में भी दिला रहे हैं.

पांच लाख में तीन से चार लोग होते हैं शिकार

डॉ अभिषेक की मानें तो यह बीमारी अमूमन पांच लाख लोगों में तीन से चार को होती है. पर झारखंड में इसके केस अधिक है. उन्होंने बताया कि खेती करने वाले लोग लंबे समय तक पेस्टीसाइड्स सहित अन्य कीटनाशक के संपर्क में आते हैं. इसी से इंफेक्शन होता है और लोग बीमारी के चपेट में आ जाते हैं.

लगातार चार दिन चढ़ाई जाती है एटीजी

मरीजों का बोन मैरो सूख जाता है. आरबीसी,डब्लूबीसी, हीमोग्लोबिन नहीं बनता. इंटरनल ब्लीडिंग होने लगती है. ऐसे में चार दिन सिर्फ हॉर्स एटीजी (एंटी थाइमोसाइट्स ग्लोब्यूलिन ) चढ़ाया जाता है.

बाहर सिर्फ हॉर्स एटीजी के का खर्च पांच से सात लाख तक का है.


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