रांची: झारखंड के मेदिनीनगर में सात महीने पहले हाउसिंग कॉलोनी में सत्संग मंदिर के पीछे सोनार बांध के पास एक अज्ञात युवती का दफनाया गया शव पुलिस ने बरामद किया था. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव को बाहर निकाला गया था. चार दिन बाद युवती की पहचान संतोषी कुमारी (17) पिता स्व प्रेमचंद चन्द्रवंशी के रूप में हुआ था. इस मामले में पुलिस ने मृतकाा की बहन, जीजा और बहन के आशिक को हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया है.
गिरफ्त में आने वालों में मृतका की दो बड़ी बहन राखी देवी (30),रूपा देवी (25),रूपा का पति धनंजय अग्रवाल उर्फ नन्हकू (30) और हमीदगंज का रहने वाला प्रताप कुमार सिंह उर्फ कारू शामिल है.एक अपराधी हमीदगंज का नीतीश फरार है.पुलिस पहले इसे आत्महत्या का मामला मान रही थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पूरे मामले को बदल दिया. पुलिस को शव सड़े-गले हाल में मिला था. जिस कारण इसका पोस्टमार्टम एमएमसीएच में न होकर रिम्स में हुआ.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के सिर में चोट लगने की बात कही गई है. जबकि जब शव का पहचान हुआ तब उसकी बहनों ने फांसी लगाने की बात कही थी. 21 मार्च को उसकी हत्या कर शव को जमीन में गाड़ दिया गया था. 26 मार्च को शव का पैर बाहर दिखने पर पुलिस को जानकारी हुई और 30 मार्च को मृतका की बहन रम्भा ने थाना पहुंचकर पुलिस को उसकी पहचान बताई थी.
रविवार को शहर थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सदर एसडीपीओ के विजय शंकर ने बताया कि मृतका संतोषी पांच बहनों में चौथे नंबर पर है. इसके माता-पिता का निधन हो चुका है. संतोषी बड़ी बहन राखी के साथ सुदना में रहती थी. राखी देह व्यापार करती है. इस काम में उसका साथ बहन रूपा का पति धनंजय देता है. राखी और धनंजय मृतका से जबरदस्ती देह व्यापार कराते थे. उसे ग्राहकों के पास बगैर उसके मर्जी के भेजते थे. मृतका का एक लड़के के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था और वह उससे शादी करना चाहती थी. यह बात बहन राखी को पसंद नहीं थी. इसी बीच राखी के दो आशिक प्रताप और नितेश की नज़र संतोषी पर पड़ गई.
दोनों हमेशा राखी के घर आकर अय्याशी करते थे और संतोषी के साथ भी शारिरिक सम्बन्ध बनाना चाहते थे. राखी ने इस काम में अपने दोनों आशिको की मदद की. हत्या के दो दिन पहले प्रताप राखी के घर पहुंचा. प्लान के मुताबिक, राखी घर में नहीं थी. प्रताप ने अकेली पाकर मृतका के साथ दुष्कर्म किया. हत्या वाली रात नीतीश और प्रताप राखी के घर गए उस वक्त भी राखी घर पर नहीं थी. दुष्कर्म के बाद उन्होंने संतोषी की हत्या कर शव को फांसी पर लटका दिया. राखी जब आई तो देखा कि बहन मर गई है. उसने अपनी बहन रूपा और उसके पति धनंजय को बुलाया. धनंजय ने अपने एक परिचित टेम्पू वाले को बुला लिया और पांचों लोग शव को लेकर हाउसिंग कॉलोनी पहुंच गए, जहां रूपा के घर मृतकाा के कपड़े बदले गए और उसे दफनाने सुनसान जगह पर ले जाया गया. फरार नीतीश ने सभी को कहा था कि पुलिस को खबर करने पर फंस जाएंगे. नीतीश ने शव दफनाने के बाद सभी को पैसा देकर रांची भेज दिया था.