जमशेदपुर न्यूज़: मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी इलाज योजना के तहत सहायता राशि भले ही बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई, लेकिन कई गंभीर रोग इसमें शामिल नहीं हैं. इससे गरीब मरीजों को परेशानी होती है. इस योजना के तहत 21 तरह की बीमारियों को शामिल किया गया है, जिसके मरीजों को अधिकतम 10 लाख की सहायता राशि राज्य सरकार उपलब्ध कराती है. लेकिन हार्ट, किडनी, एपेंडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी, ब्रेन ट्यूमर, सीरियस हेड इंज्युरी सहित अन्य कई बीमारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है.
पूर्वी सिंहभूम में इस योजना के तहत दिसंबर 2022 तक 273 मरीजों को सरकार की ओर से 5 करोड़ 29 लाख 91 हजार 860 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है. मेडिकल बोर्ड द्वारा मरीज की आवश्यक जांच के बाद उन्हें इलाज के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है. विभाग ने सारे लंबित आवेदनों का निपटारा कर दिया है.
10 लाख रुपये तक मिलती है सहायता इस योजना के तहत इलाज के लिए मिलने वाली सहायता राशि पहले पांच लाख थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे बढ़ाकर 10 लाख कर दी है. किसी भी तरह की गंभीर या असाध्य बीमारी होने पर मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत गरीबों का इलाज होता है. जिनकी सालाना आय 72 हजार रुपये तक है या फिर जिनके पास बीपीएल कार्ड है, वैसे लोग इसका लाभ उठा सकते हैं. पांच लाख तक सहायता राशि सिविल सर्जन की ओर से दी जाती है, जबकि 10 लाख के लिए सिविल सर्जन विभाग को अनुशंसा करते हैं.
इन बीमारियों में मिलती है सहायता विस्कॉट एल्ड्रिच सिंड्रोम, थैलेसीमिया रक्त विकृति, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, आघात के बाद विकृति के मामले में प्लास्टिक सर्जरी और बर्न केस, रेटिना अलग होना, क्रैनियोटॉमी के साथ सिर में गंभीर चोट, कोरोनरी धमनी की बाईपास ग्राफ्टिंग/इंट्रा एओर्टिक बैलून पंप, आईसीयू के मरीज जिन्हें निरंतर गुर्दे की रिप्लेसमेंट थेरेपी की जरूरत पड़ती है, प्रोल़िफेरेटिव डायबिटिक रेटिनो पैथी, श्वासनली के ऑपरेशन में, मेनिंगोएन्सेफेलोसिल सर्जरी, केराटोप्लास्टी, ब्रेन हेमरेज, चेहरे की दरारों सहित जन्मजात विकृतियां, कॉकलीयर इम्प्लांट, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, किशोरों को नाक में होने वाला ट्यूमर, कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण, गंभीर लीवर रोग और एसिड अटैक पीड़ितों के इलाज में सरकार आर्थिक सहायता देती है.
जिले में हार्ट और किडनी के सर्वाधिक मरीज
जिले में हार्ट, किडनी जैसी बीमारियों की काफी मरीज हैं. एमजीएम और सदर अस्पताल में डायलिसिस कराने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2021 में सदर अस्पताल में मात्र 58 डायलिसिस हुई थी, वहीं 2022 में 833 मरीजों की डायलिसिस हुई थी. एमजीएम में 2021 में करीब 1500 डायलिसिस हुई थी, जबकि 2022 में तीन हजार डायलिसिस हुई थी. दो साल में डायलिसिस कराने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. उसी तरह हार्ट के मरीज भी तेजी से शहर में बढ़ रहे हैं.
2022 में कितने को मिली सहायता
माह मरीजों की संख्या स्वीकृत राशि अप्रैल 32 6265500
मई 40 8393000
जून 42 8107400
जुलाई 27 5192100
अगस्त 24 4947300
सितंबर 39 6431800
अक्तूर 16 3481270
नवंबर 46 8798139
दिसंबर 07 1375351