जागरुकता के साथ सशक्तिकरण का होना अहम: पीडीजे

Update: 2023-05-04 09:55 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार और झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में वन विभाग सभागार में विधिक जागरुकता सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के उद्घाटन प्रधान जिला जज राजेश शरण सिंह, डीसी शेखर जमुआर, बीडीओ कुमुद झा, सीओ मयंक भूषण, डीएफओ दिलीप कुमार यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

मौके पर प्रधान जिला जज ने कहा कि जीवन के हर अवस्था पर सरकार और अदालत से दी जाने वाली निशुल्क न्याय व सुविधा के लिए जितनी जरूरी जागरूकता है उतनी ही अहम सशक्तिकरण भी है. सशक्तिकरण का मतलब किसी व्यक्ति की योग्यता से है. वह अपने जीवन से जुड़े सभी निर्णय स्वयं लेने और अधिकार प्राप्त करने में सक्षम हो.

उन्होंने कहा कि समाज में विषमता है. हर तरह के मानसिकता वाले लोग होते हैं. समाज में कुरीतियां, शोषण, अपराध जातिवाद, हिंसा की घटनाएं होती हैं. उससे निजात पाने व समाज में भेदभाव खत्म करने की दिशा में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से जागरुकता लाकर सशक्त बनाने का कार्य किया जाता है. यह कार्य न्यायपालिका, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन को समय के साथ सरकारी हर योजना को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर उन्हें सशक्त करना जिम्मेवारी और जवाबदेही है. सरकार और सर्वोच्च न्यायालय रिसर्च के बाद सामाजिक परिवेश में योजना बनाती है. प्रत्येक व्यक्ति का हक और अधिकार उन्हें प्राप्त हो सके.

उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार इस दिशा में आगे बढ़ रहा है. इसका सीधा लाभ ग्रामीण जनता को हो रही है. न्यायपालिका में दी जाने वाली सुविधाएं, निशुल्क न्याय, कानूनी सलाह, निशुल्कअधिवक्ता सहित अन्य विषयों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में विक्टिम कंपनसेशन के तहत लोग उसका लाभ नहीं ले पाते. उक्त कारण राशि को सरकार को वापस करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि शोषित, पीड़ित महिलाओं को न्याय पालिका के द्वारा विक्टिम कंपनसेशन में राशि दी जाती है.

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