टीआरएफ में कर्मचारी पुत्रों का नियोजन बंद

Update: 2023-07-07 12:39 GMT

जमशेदपुर न्यूज़: टीआरएफ लिमिटेड कंपनी में वर्ष 2011 से ही कर्मचारी पुत्रों का नियोजन बंद है. यहां अंतिम बार 28 कर्मचारी पुत्र ट्रेनिंग के बाद स्थायी हुए थे. अब कंपनी मात्र एफटीए (फुल टर्म अप्रेंटिस) के नाम पर एक साल के लिए कर्मचारी पुत्रों व गैर कर्मचारी पुत्रों को काम पर रखती है फिर उन्हें बैठा दिया जाता है.

कंपनी जब से एनसीएलटी में चली गई, यहां की स्थिति कमजोर हो गई. कंपनी कई साल तक घाटे में रही. कंपनी की मान्यता प्राप्त टीआरएफ लेबर यूनियन प्रबंधन के साथ होने वाली हर वार्ता में इस मुद्दे को उठाती है. बावजूद इसके प्रबंधन कुछ करने को तैयार नहीं है. कहा जा रहा है कि पूर्ण रूपेण टाटा स्टील होने के बाद अब वहीं से टीआरएफ में नियोजन का काम शुरू होगा. इधर, चार-पांच साल से टाटा स्टील व टीजीएस के कर्मचारी यहां काम रह रहे हैं. कंपनी में स्थायी कर्मचारियों की संख्या करीब 180 है. इसमें से तीन साल के अंदर पुराने ग्रेड वाले करीब सभी कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे, जबकि नए ग्रेड वाले करीब 80 स्थायी कर्मचारी हीं शेष रह जाएंगे.

टिमकेन कर्मचारी पुत्रों की शुरू होगी बहाली

टिमकेन इंडिया ने कर्मचारी पुत्रों के नियोजन के लिए नीति तय कर ली है. जल्द ही इसे जारी कर दिया जाएगा. इस नीति के तहत जल्द ही कर्मचारी पुत्रों के नियोजन पर नोटिस निकलने की संभावना है. टिमकेन वर्कर्स यूनियन वर्षों से इसकी मांग कर रही थी. यूनियन की पिछली कमेटी के असफल रहने पर वर्तमान कमेटी ने प्रबंधन इंप्लाई वार्ड नियोजन नीति बनाने के लिए दबाव डालना शुरू किया था.

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