पुलिस की लापरवाही के कारण 8 से सजा काट रहा नाबालिक, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

नाबालिग आरोपी पुलिस की गलती के कारण 8 वर्ष से जेल में रहने को मजबूर है. उसकी रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

Update: 2021-12-01 06:53 GMT

जनता से रिश्ता। नाबालिग आरोपी पुलिस की गलती के कारण 8 वर्ष से जेल में रहने को मजबूर है. उसकी रिहाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त रुख अख्तियार कर सरकार से जवाब तलब किया है. अदालत ने सरकार को अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि किस परिस्थिति में यह हुआ. इस पर सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाया है. इससे संबंधित विस्तृत बिंदु बार जवाब शपथ पत्र के माध्यम से 2 सप्ताह में पेश करने को कहा है. सरकार के जवाब आने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जूविनाइल जस्टिस एक्ट के अनुसार नाबालिग को अधिकतम 3 साल की सजा दी जा सकती है. लेकिन पुलिस की गलती से नाबालिग 8 साल से जेल में रहने को मजबूर है. जिससे उसका भविष्य अंधकार में हो गया है. इसलिए अदालत से आग्रह किया गया कि उसकी भविष्य को ध्यान में रखते हुए उसकी रिहाई की जाए.
हत्या के मामले में नाबालिग जेल में बंद
अधिवक्ता ने अदालत को यह बताया कि वह करीब आठ साल से जेल में बंद है. इस मामले में अभी ट्रायल भी नहीं शुरू हुआ है. जूविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत उसे तीन साल से अधिक जेल में रखना अवैध है. पुलिस की गलती की वजह से नाबालिग का बचपन और पढ़ाई बाधित हो गया है. पढ़ाई नहीं होने की वजह से उसे अब नौकरी नहीं मिलेगी. वह अपना आगे का जीवन यापन कैसे करेगा. इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा. समय तो वापस नहीं की जा सकती. उसे राहत तो दिया ही जा सकता है. बोकारो के एक नाबालिग को रांची में एक हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया है. जो पिछले 8 वर्षों से जेल में है. उसी की रिहाई की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर अदालत में सुनवाई हुई.


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