Dhanbad: जमीन विवाद में मारपीट के दौरान युवक की मौत हुई
परिजनों ने किया सड़क जाम
धनबाद: बारामुरी निवासी मोती यादव (55) और शिबू गोप के बीच जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट के बाद इलाज के दौरान बारामुरी निवासी मोती यादव (55) की मौत हो गयी. रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा। इसके बाद परिजनों ने शव को बिनोद बिहारी महतो चौक के पास रखकर आठ लेन सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. परिजनों ने बताया कि रंगदारी के लिए अपराधियों ने मोती यादव की हत्या कर दी. घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर दीपक कुमार, धनबाद थाना प्रभारी आरएन ठाकुर और बरवाड़ा व भूली ओपी पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाकर शांत किया. डीएसपी दीपक कुमार ने परिजनों को आश्वासन दिया कि उन्हें सरकारी योजना का लाभ मिलेगा और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जायेगा. इस मामले में थाना प्रभारी आरएन ठाकुर ने बताया कि शनिवार की रात ही मृतक के पुत्र सुरेश यादव के लिखित बयान पर छेड़खानी व मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है. घटना में मौत के बाद हत्या की धारा जोड़ी जाएगी। आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.
पांच घंटे तक आठ लेन जाम रहीं: मोती यादव की मौत की खबर मिलते ही उनके परिजनों ने रविवार की दोपहर करीब तीन बजे उनके शव को बिनोद बिहारी चौक के पास खाट पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान मृतक के घर की महिलाएं और आसपास के लोग भी मौजूद थे. वे सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग कर रहे थे. टायर जलाकर सड़क अवरुद्ध करने से चारों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद पौने आठ बजे आंदोलनकारी वहां से हटे.
बारामुड़ी खटाल निवासी मोती यादव (मृतक) के पुत्र सुरेश यादव (एसएनएमएमसीएच में इलाजरत) की लिखित शिकायत पर शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई। सुरेश ने शंकर गोप, शिबू गोप, अभिषेक गोप, प्रफुल्ल गोप व तीन-चार अन्य पर जानलेवा हमला व रंगदारी का आरोप लगाया है. प्राथमिकी में कहा गया है कि वह शनिवार को अपनी जमीन पर काम करा रहा था. उसी समय शंकर गोप, शिबू गोप, अभिषेक गोप, प्रफुल्ल गोप व तीन-चार अन्य लोग हथियारबंद मारुति वैन (जेएच 10 जे- 6808) से आये और जमीन पर काम बंद करने को कहा. 10 लाख की फिरौती दो नहीं तो परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी जायेगी. जब मैंने इसका विरोध किया तो अभिषेक गोप और प्रफुल्ल गोप ने मेरे सिर पर वार कर दिया. जब मेरे पिता मुझे बचाने आये तो शंकर गोप एवं शिबू गोप ने जान से मारने की नियत से मेरे पिता को लाठी से पीटा. शिबू गोप ने मेरे गले से एक लाख रुपये मूल्य की सोने की चेन झपट ली.