धनबाद आईआईटी के वैज्ञानिक ने प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ निकाला

Update: 2023-06-16 10:06 GMT

Dhanbad : आईआईटी-आईएसएम, धनबाद के वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में पर्यावरण प्रदूषण के लिए सरदर्द बन चुके प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ लिया है. वैज्ञानिकों ने लैब स्तर पर पानी से न भीगने वाला जूट विकसित किया है. इससे बने थैले में खाने की सामग्री, चिप्स, शैंपू, लिक्विड आदि को पैक किया जा सकेगा. इसमें रखा अनाज व अन्य सामग्री बाहर की नमी से सुरक्षित रहेगी. आने वाले समय में यह जूट प्लास्टिक का विकल्प बन सकता है. इस उत्पाद की लागत काफी कम है और गुणवत्ता भी अच्छी है. इससे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान भी नहीं होगा.

दो वैज्ञानिकों ने ढाई साल के रिसर्च के बाद किया विकसित

वाटर रेसिस्टेंट जूट बनाने में आईआईटी-आईएसएम के डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आदित्य कुमार और रिसर्च स्कॉलर डॉ. पूनम चौहान शामिल हैं. उन्होंने लगभग ढाई वर्ष के रिसर्च के बाद इसे विकसित किया है. दो सदस्यीय इस टीम ने अपने रिसर्च का पेटेंट नवंबर 2022 में ही करवा लिया था.

किसी बड़े उपकरण का नहीं किया उपयोग

प्रो. आदित्य ने बताया कि रिसर्च में सस्ती सामग्रियों का उपयोग किया गया है. जूट पर प्रसार विधि से केमिकल का छिड़काव किया गया. इस प्रक्रिया में किसी भी बड़े उपकरण का प्रयोग नहीं किया गया है. कोटिंग में उपयोग की गई सामग्री बायो डिग्रेडेबल और पर्यावरण के अनुकूल है. इसका मानव के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. कोटिंग की लागत 70 रुपए लीटर होगी


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