Dhanbad हाईकोर्ट ने 85 पन्नों में लिखी सजा की दास्तान,तीन चश्मदीद की गवाही को झुठलाने में विफल रहीं रामधीर की वकील , 19 ने सेशन कोर्ट में रामधीर के खिलाफ दी थी गवाही
,तीन चश्मदीद की गवाही को झुठलाने में विफल रहीं रामधीर की वकील , 19 ने सेशन कोर्ट में रामधीर के खिलाफ दी थी गवाही
झारखण्ड विनोद सिंह और उनके ड्राइवर मन्नू अंसारी के 25 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे रामधीर सिंह की राहत की उम्मीद पर हाईकोर्ट के फैसले ने पानी फेर दिया. हाईकोर्ट ने 85 पन्नों में रामधीर की सजा की दास्तान लिखी है. सेशन कोर्ट में अपने खिलाफ गवाही देने वाले चार चश्मदीद सहित 19 गवाहों की गवाही को रामधीर की अधिवक्ता नहीं झुठला सकीं. हाईकोर्ट ने आठ साल की लंबी सुनवाई के बाद रामधीर सिंह की याचिका को खारिज कर दिया.
धनबाद सेशन कोर्ट में नौ अप्रैल 2015 को रामधीर को उनकी गैर हाजिरी में दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने उनके बड़े भाई और झारखंड के पूर्व मंत्री बच्चा सिंह को इस मामले में बरी करने का आदेश दिया था. 18 अप्रैल 2015 को तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश निकेश कुमार सिन्हा ने रामधीर सिंह को दोहरे हत्याकांड के लिए उम्रकैद और आर्म्स एक्ट के लिए तीन साल की सजा सुनाई थी. सेशन कोर्ट ने प्रत्यक्षदर्शी गवाह व मृतक विनोद सिंह के भाई दून बहादुर सिंह, सुधीर कुमार सिंह और देवाशीष घोषाल सहित अन्य गवाहों की गवाही के आधार पर रामधीर को दोषी माना था. हाईकोर्ट में 15 2015 से 27 2023 के बीच 71 तारीखें पड़ीं. रामधीर की सजा से यूपी तक के समर्थकों में मायूसी देखने को मिली. सजा की चर्चा हर तरफ सुनने को मिली.