Dhanbad शहर को एक सितंबर से मिलेगा 10 एमएलडी अतिरिक्त पानी
10 एमएलडी अतिरिक्त पानी के लिए समझौता हुआ
धनबाद: एक सितंबर से धनबाद शहर को 10 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा. फिलहाल शहर को 55 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है. नगर निगम और मेसर्स अभय सिन्हा के बीच 10 एमएलडी अतिरिक्त पानी के लिए समझौता हुआ है. मैथन जलापूर्ति के अलावा जेएनएनयूआरएम योजना के तहत जामाडोबा जलापूर्ति का काम भी मेसर्स अभय सिन्हा को दिया गया है. एक सितंबर से मैथन जलापूर्ति से 10 एमएलडी और जामोडोबा जलापूर्ति से 33 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा. आपको बता दें कि फिलहाल जामाडोबा से 14 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही है. नये समझौते के तहत एक सितंबर से जामाडोबा से 33 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलेगा. मेमको मोड, भुल्ली, कुसुंडा, वासेपुर व तेतुलमारी को होगा फायदा : जामाडोबा से 33 एमएलडी अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से बिग बाजार, स्टील गेट, मेमको, भुल्ली, तेतुलमारी, कुसुंडा आदि ग्रामीण इलाकों को भी फायदा होगा. . 365 करोड़ की जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 30 जलमीनारों से पानी की आपूर्ति की जानी थी. तकनीकी कारणों से मात्र 11 जलमीनारों से ही जलापूर्ति की गयी. एक सितंबर से सभी जलमीनारों से जलापूर्ति शुरू हो जायेगी.
शहरी जलापूर्ति योजना के तहत गुरुवार को 10 जलमीनारों से पेयजलापूर्ति पूरी तरह ठप रही. इसके कारण गुरुवार को शहर के विभिन्न इलाकों में करीब ढाई लाख लोगों को भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ा. बुधवार को डीवीसी ने बकाया को लेकर मैथन स्थित इंटकवेल की बिजली काट दी थी। मैथन स्थित इंटकवेल में सुबह से शाम तक बिजली बंद रही. ऐसी स्थिति में इंटेक मोटर नहीं चला। मोटर बंद होने के कारण धनबाद के भेलटाड़ स्थित जलशोधन संयंत्र में समय पर कच्चा पानी नहीं पहुंचा. बाद में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों द्वारा बकाया राशि का जल्द भुगतान करने का आश्वासन दिये जाने के बाद डीवीसी ने मैथन इंटेक वेल को बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी. गुरुवार की सुबह भेलाटांड़ स्थित प्लांट तक सीमित मात्रा में पहुंचे कच्चे पानी को ट्रीट करने के बाद सिर्फ नौ जलमीनारों से पानी छोड़ा गया. पेयजल विभाग के अधिकारियों के अनुसार गुरुवार को गोल्फ ग्राउंड, पुराना बाजार, मैनाटांड़, मटकुरिया, धोवाटांड़, गांधी नगर, भूदा, बरमसिया, धनसार और वासेपुर जलमीनार से जलापूर्ति बंद रही. पेयजल विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को 19 जलमीनारों से नियमित जलापूर्ति की बात कही.