झारखंड। झारखंड में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या सरकारी आंकड़ों से 60 फीसदी अधिक है. निजी अस्पतालों में आंकड़े से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. सरकारी आंकड़े में रांची के 60 लोग डेंगू से पीड़ित हैं, लेकिन अस्पतालों में करीब 150 पीड़ितों का इलाज चल रहा है. वहीं, कई लोग घर में रहकर इलाज करवा रहे है. ऐसे में सही आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है. हालांकि विभाग भी मान रहा है कि उनके पास जो आंकड़ा उपलब्ध है, उससे दोगुना डेंगू के मरीज हैं.
रविवार को 15 संदिग्ध मरीजों की जांच हुई, जिसमें छह की रिपोर्ट मैक एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव आया है. इधर, पूर्वी सिंहभूम और साहेबगंज में भी सरकारी आंकड़े से 50 से 60 फीसदी अधिक डेंगू के मरीज हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि एनएस-वन एंटीजन किट से की गयी जांच नियमानुसार आधिकारिक नहीं है, इसलिए जब तक मैक एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आयेगी तब तक आंकड़े में नहीं जोड़ा जायेगा. डेंगू की जांच एंटीजन और मैक एलाइजा के माध्यम से किया जाता है, जिसका खर्च 250 से 600 रुपये तक आता है.
सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में रविवार को दो मरीजों को भर्ती कराया गया. वार्ड में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ कर 18 हो गयी है. देर शाम एक डेंगू मरीज के ऑक्सीजन लेवल गिरने की वजह से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया. वहीं, लैब में जांच के लिए दो दर्जन संदिग्धों के सैंपल रिकॉर्ड में लिये गये.