व्यवसायी से 31 हजार रुपये की साइबर ठगी, जांच में जुटी पुलिस

राजधानी में साइबर ठगी के मामले पुलिस की सख्ती के बावजूद रूक नहीं रही हैं. साइबर अपराधी हर दिन किसी न किसी को अपना निशाना बना रहे हैं तरह-तरह के प्रलोभन और झांसा देकर खातों से रुपए गायब कर रहे हैं

Update: 2021-11-22 06:26 GMT

जनता से रिश्ता। राजधानी में साइबर ठगी के मामले पुलिस की सख्ती के बावजूद रूक नहीं रही हैं. साइबर अपराधी हर दिन किसी न किसी को अपना निशाना बना रहे हैं तरह-तरह के प्रलोभन और झांसा देकर खातों से रुपए गायब कर रहे हैं. ताजा मामला लोअर बाजार इलाके का है यहां साइबर अपराधियों ने एनीडेस्क का लिंक भेजकर इंफोटेक कंप्यूटर सिस्टम के मालिक सर्फे आलम के खाते से करीब 31 हजार रुपए की निकासी कर ली.

थाने में एफआईआर दर्ज

ठगी के बाद लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. एफआईआर के मुताबिक सर्फे आलम को आईसीआईसीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड की वैद्यता खत्म होने का मैसेज मिल रहा था. इस पर उन्होंने टोल फ्री नंबर 02271190900 पर कॉल कर इसकी जानकारी लेनी चाही. जिस पर उन्हें बताया गया कि वे 9692606120 पर कॉल कर अपने कार्ड को अपडेट करवा लें. यहां कॉल करते ही साइबर फ्रॉड ने चालाकी से अकाउंट से दो बार में राशि ट्रांसफर कर ली.
लिंक पर क्लिक करते ही रुपया गायब
सर्फे आलम ने जब 9692606120 पर कॉल किया तो खुद को आईसीआईसीआई बैंक का कर्मी बताकर ठग ने उनसे बात की. नाम, खाता नंबर, जन्म तिथि और पता आदि की पूरी जानकारी उधर से बताई गई. सभी इंफोर्मेशन बिल्कुल सही था. इस बीच बात करते हुए एक लिंक भेजकर उसे ओके करने कहा गया. सर्फे आलम ने बताया कि पहले ही पूरी जानकारी सही मिली थी इसलिए लिंक आते ही उसे ओके कर दिया. इसके थोड़ी ही देर में क्रेडिट कार्ड से लगातार राशि कटने के मैसेज आने शुरू हो गए. इस दौरान उन्हें कई ओटीपी भी भेजे गए. इसकी जानकारी किसी को नहीं दी फिर भी पैसे कटते रहे.
सुरेंद्र के अकाउंट में ट्रांसफर हुई राशि
सर्फे आलम ने साइबर ठगी के संबंध में लोअर बाजार थाना में मामला दर्ज कराया है. अपने आवेदन में उन्होंने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक के क्रेडिट क्रेडिट कार्ड से सुरेंद्र नामक व्यक्ति के हाउसिंग डॉटकॉम एकाउंट (जिसके पैन का अंतिम चार अंक 9921 है) में जमा होने का मैसेज मुझे मिला है. दूसरी राशि किसी राजधानी एकाउंट में क्रेडिट हुआ है. सर्फे आलम का कहना है कि रविवार होने के कारण पूरी जानकारी नहीं मिल पाई कि आखिर कितने पैसे की निकासी हो गई है। क्योंकि, मोबाइल और आधार नंबर से कई बैंक खाते जुड़े हुए हैं. वही पुलिस दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच में जुट गई है.


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