झारखण्ड JHARKHAND : सरकार ने नियमावली नहीं बनाई है, लेकिन प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया की जा रही है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। COURT कोर्ट ने कहा कि सिर्फ कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रोमोशन नहीं हो सकता। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने में टेट पास होने की अनिवार्यता को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने विभागीय सचिव के उस पत्र पर रोक लगा दी, जिसके तहत जिलों में प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति दी जा रही है। अदालत ने कहा कि किसी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रोन्नति नहीं दी जा सकती है। इसके लिए सरकार को नियमावली बनानी होगी। अदालत ने मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई निर्धारित की है।
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता Saurabh Shekhar सौरभ शेखर ने अदालत को बताया कि वर्ष 2012 में राज्य में टेट परीक्षा नहीं होती थी। ऐसे में प्राथमिक शिक्षको को नियुक्ति के लिए टेट पास होने की जरूरत नहीं है। इसको लेकर सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। जिसने रिपोर्ट में कहा था कि वर्ष 2012 से पहले राज्य में नियुक्त होने वाले शिक्षकों के लिए टेट पास की अनिवार्यता नहीं थी। इसपर प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि कमेटी की रिपोर्ट गलत है, क्योंकि एनसीआरटी ने इसको लेकर स्पष्ट अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा है कि पूर्व कार्यरत शिक्षकों को प्रोन्नति के लिए टेट पास होना जरूरी है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने नियमावली नहीं बनाई है, लेकिन प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया की जा रही है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। अदालत ने कहा कि सिर्फ कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रोन्नति नहीं दी सकती है। इसलिए प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाई जाती है। बता दें कि विभागीय सचिव ने 14 नवंबर 2023 को सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र भेजकर प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने का आदेश दिया था।