बिना जानकारी दिए निगम ने गरीब के घर पर चलाया बुलडोजर
राजधानी में गरीबों के आशियाने को उजाड़ने जैसे होड़ सी मची है. फिर चाहे उसके पीछे की वजह कुछ भी हो. कभी अतिक्रमण के नाम पर तो कभी किसी दूसरी वजह से गरीबों का आशियाना छीन लिया जाता है.
जनता से रिश्ता। राजधानी में गरीबों के आशियाने को उजाड़ने जैसे होड़ सी मची है. फिर चाहे उसके पीछे की वजह कुछ भी हो. कभी अतिक्रमण के नाम पर तो कभी किसी दूसरी वजह से गरीबों का आशियाना छीन लिया जाता है. एकबार फिर कुछ ऐसा ही हुआ राजधानी के कोकर इलाके में. जहां एक परिवार के सपनों के आशियाने को तोड़ दिया गया.
दरअसल के राजाधानी के कोकर स्थित रिम्स जाने वाली सड़क के मुहाने पर मौजूद एक मकान को रांची नगर निगम की टीम ने जमींदोज कर दिया. एक पल तो ऐसा लगा कि यह शायद अतिक्रमण का मामला है लेकिन आशियाना खोने वाले परिवार ने जो बात बताई वह चौंकाने वाली है. दरअसल इस घर में सुधीर प्रसाद का परिवार कई दशकों से रह रहा था. इसी प्लॉट के दूसरे हिस्से में लक्ष्मी टावर नामक अपार्टमेंट बनाया गया है. लेकिन टावर के फ्रंट में सुधीर प्रसाद का मकान बिल्डर को रास नहीं आ रहा था. जानकारी के मुताबिक बिल्डर राकेश कुमार और राजेश कुमार ने नगर निगम को गिफ्ट में उस जमीन का हिस्सा दे दिया था.
जमीन के मालिक का नाम नवीन कुमार जायसवाल है. जमीन मालिक और सुधीर प्रसाद के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था. यह मामला मामला हाई कोर्ट में भी पहुंचा था. लेकिन बिल्डर ने अपने लक्ष्मी टावर की वेल्यू बढ़ाने के लिए संबंधित जमीन नगर निगम को गिफ्ट कर दी थी. लेकिन नगर निगम ने सुधीर प्रसाद के परिवार को कॉन्फिडेंस में लिए बगैर उनके आशियाने पर बुलडोजर चला दिया. नगर निगम के इस रवैये की रांची में खूब चर्चा हो रही है.