रांची: 22 सेकेंड के एक वीडियो क्लिप ने झारखंड में ब्यूरोक्रेसी से लेकर सियासत तक के गलियारों में हलचल मचा दी है। यह वीडियो क्लिप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का का है, जिसमें वह कथित तौर पर एक बिल्डर विशाल चौधरी के निजी दफ्तर में बैठकर सरकारी फाइल निपटा रहे हैं। रविवार को वीडियो क्लिप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने देर शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से हटा दिया।
एक्का गृह विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के भी प्रधान सचिव थे। उन्हें इन पदों से भी हटाते हुए अब पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है। यह वीडियो क्लिप रविवार को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में जारी किया। उन्होंने आईएएस राजीव अरुण एक्का और राज्य सरकार पर गंभीर सवाल खड़ा किया। उन्होंने दावा किया कि इस वीडियो में एक्का एक पावर ब्रोकर के निजी दफ्तर में न सिर्फ फाइल निपटा रहे हैं, बल्कि वहां मौजूद एक व्यक्ति से पैसे की लेनदेन की भी चर्चा कर रहे हैं।
वीडियो में उसकी बात साफ सुनी जा सकती है। इस वीडियो में आईएएस राजीव अरुण एक्का के बगल में एक महिला खड़ी होकर फाइल पलट रही है। यह महिला विशाल चौधरी की स्टाफ बताई जा रही है। ईडी ने झारखंड की पूर्व माइन्स सेक्रेटरी पूजा सिंघल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बीते साल 24 मई को विशाल चौधरी के पांच ठिकानों पर भी छापामारी की थी। दरअसल विशाल चौधरी झारखंड के सत्ता के गलियारों में बीते कुछ वर्षों से बेहद रसूखदार नाम रहा है।
बताते हैं कि उसके रांची के अशोकनगर स्थित एक बंगले में सरकार के कई बड़े अधिकारी लगातार आते-जाते रहे हैं। यहां उनकी महफिलें जमती रही हैं। बीते मई में विशाल चौधरी के ठिकानों पर छापामारी के बाद ईडी ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था।
इस बीच बीते 24 नवंबर को वह थाईलैंड भागने की कोशिश रहा था, तब उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर ईडी के हवाले कर दिया गया। इसके बाद ईडी ने उसे पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश देकर छोड़ दिया था। एक बार वह ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर भी हुआ था, लेकिन इसके बाद से वह फरार बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, जो वीडियो क्लिप वायरल हुआ है, वह विशाल चौधरी के मोबाइल से ही बना है। ईडी ने विशाल चौधरी के कई मोबाइल जब्त किए हैं।
इधर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि एक पावर ब्रोकर के यहां बैठकर सीएम के प्रधान सचिव का फाइल निपटाने के इस वीडियो से साफ जाहिर है कि इस सरकार में भ्रष्टाचार और दलाली किस तरह हावी है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसे लेकर राजीव अरुण एक्का के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को राज्यपाल से मिलेगा और उन्हें ज्ञापन सौंपकर इस मामले की जांच ईडी और सीबीआई से कराने की मांग की जाएगी।