धनबाद न्यूज़: हर साल भारत में औसतन सौ मिलियन टन कोयले की खपत बढ़ रही है. यह जानकारी कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राज्यसभा में दी है. कोयला मंत्री ने तीन साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि घरेलू कोयला उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है. पिछले कुछ वर्षों में कोयला उत्पादन में बड़ा उछाल देखा गया है. वर्ष 2022-23 में कोयला उत्पादन लगभग 58 की वृद्धि के साथ वर्ष 2013-14 के 565.77 मिलियन टन की तुलना में 893.19 मिलियन टन रहा.
कोयला मंत्री ने कहा कि वर्तमान आयात नीति के अनुसार कोयले को ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत रखा गया है और उपभोक्ता लागू शुल्क के भुगतान पर अपने अनुबंध मूल्य के अनुसार अपनी पसंद के स्रोत से कोयला आयात करने के लिए स्वतंत्र हैं. देश में कोयले की अधिकांश आवश्यकता स्वदेशी उत्पादन/आपूर्ति से पूरी होती है. वर्ष 2022-2023 में कोयला उत्पादन 893.19 मिलियन टन था, जबकि वर्ष 2021-2022 में 778.21 मिलियन टन की तुलना में लगभग 14.7 की वृद्धि हुई. चालू वर्ष के दौरान जून 2023 तक घरेलू कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.51 से अधिक बढ़ गया है. कोयला मंत्री के जवाब पर एक्सपर्ट कहते हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष में आयातित कोयले की मात्रा बढ़ी है. इसे नियंत्रित करने के लिए कोयला मंत्रालय देसी कोयला कंपनियों को बेहतर गुणवत्ता के साथ देसी कोयले का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है.
साथ में वाशरी पर भी फोकस है ताकि विदेशी कोयले की जगह देसी कोयले की आपूर्ति सभी सेक्टर को किया जा सके.
तीन वित्तीय वर्ष में घरेलू कोयला एवं आयातिति कोयला के आंकड़े
कोयेल का उपयोग 2020-21 2021-22 2022-23
घरेलू कोयला 690.88 819.21 877.36
आातित कोयला 215.25 208.62 237.66
कुल 906.13 1027.83 1115.02