झारखंड: झारखंड में अब आगमी चुनाव के लिए रणनीतिक घेराबंदी दिखने लगी है. झारखंड कांग्रेस भी अपने केंद्रीय नेतृत्व से मिली नसीहत के हिसाब से 2024 को साधने के लिए बदली हुई चाल के साथ एक्शन प्लान बनाने में जुट गई है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मानते हैं कि जो करना था, वो प्रोपर तरीके से नहीं हो पाया है. अब प्रोपर तरीके से मिल कर करने का निर्णय कांग्रेस पार्टी ने लिया है. यानी अब एक बार फिर से झारखंड कांग्रेस अपने आलाकमान से मिले निर्देश के अनुरुप जनता से जुड़ाव के साथ 2024 की तैयारी में जुटेगी. दिल्ली दरबार में झारखंड कांग्रेस को केंद्रीय नेतृत्व से मिली नसीहत के बाद, सूबे के कांग्रेस रेस में आ चुके हैं.
आगमी चुनाव के लिए रणनीतिक घेराबंदी
अब कांग्रेस के नेताओं को यह एहसास होने लगा है कि उन्हें जो होमवर्क आलाकमान से मिला था, उसके अनुसार क्रियान्वित नहीं हो पाया है. यानी परफोर्मेंस अप टू मार्क नहीं है. ऐसे में चर्चा इस बात की है कि मिशन 24 के मुकाबले के लिए क्या बदलेगी झारखंड कांग्रेस की कार्यशैली? ये सवाल इसलिए क्योंकि झारखंड कांग्रेस के मंत्रीगण ने फिर से अपने लिए नया गाइड लाइन बनाया हैं. अब झारखंड कांग्रेस कोटे के सभी मंत्री सप्ताह में एक दिन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जनता दरबार लगाएंगे. साथ ही सभी मंत्रियों के मिले प्रभार वाले जिले में भी जाना होगा. बतौर विधायक जितने जिले की जिम्मेदारी है, हर महीने उन जिलों में भी जाना होगा.
क्या बदलेगी झारखंड कांग्रेस की कार्यशैली?
यानी मंत्रियों को अब मुख्यालय, जिले और विधानसभा में भी जनता और कार्यकर्ता से जुड़ना होगा. उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनना होगा और धैर्यपूर्वक उनका निराकरण करना होगा. इसकी रिपोर्ट बकायदा आलाकमान को देनी होगी. अब कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को जिला और विधानसभा के साथ-साथ जनता की समस्याओं को सुनने के लिए प्रखंड तक जाना होगा. अंतिम व्यक्ति तक पहुंच बनाना होगा, जनसुनवाई के सारे रिकॉर्ड और डिटेल कांग्रेस कार्यालय में होगा.
आलाकमान को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
कांग्रेस कोटे के मंत्री बदले हुए रणनीति के साथ भले ही आगे बढ़ना चाहते हैं, पर पार्टी आलाकमान के द्वारा मिले निर्देश पर झारखंड में ब्रेक लगने को लेकर भी अपनी सफाई दे रहे हैं. सूबे में सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जाता रहा है. ऐसे में सामने परिस्थिति यह थी कि सरकार बचाएं या समस्याओं का समाधान करें. मंत्रियों का मानना है, झारखंड में हर तरह के हथकंडे अपनाए गए और सरकार को स्थित करने में ही लगे रहे.
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, अगले चुनाव में जब जनता उनको धूल चटा देगी. जब जनता दरबार लगाना शुरू किया था, तो फिर उसको बंद क्यों किया. इनके सारे मंत्री को जनता से कोई मतलब नहीं है. जनता भी इनको समझ रही है, आने वाले चुनाव में इनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. झारखंड में कांग्रेस, द ग्रेट कांग्रेस ड्रामा सर्कस है. कांग्रेस आलाकमान जब उनको डांटता है, तब उनको याद आता है कि चुनाव नजदीक है. उन्होंने जितने वादे किए थे, कुछ भी पूरा नहीं कर पाए.
कांग्रेस कर रही नौटंकी
झारखंड में कांग्रेस एक बार फिर से बदली हुई रणनीति के साथ अपने 2024 के मिशन को साधने के लिए जनता दरबार लगाने से लेकर जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं के समाधान की नीति तय कर रही है. बीजेपी कांग्रेस के इस बदली हुई नीति को नौटंकी बता कर अगले चुनाव में धूल चटाने का ऐलान कर रही है.