खूंटी में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने किया वार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) ने शुक्रवार को गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा 2021 (kartik purnima 2021) पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का (announcement of farm laws repeal) ऐलान कर दिया.

Update: 2021-11-19 15:38 GMT

जनता से रिश्ता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra modi) ने शुक्रवार को गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा 2021 (kartik purnima 2021) पर तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का (announcement of farm laws repeal) ऐलान कर दिया. इसको लेकर कांग्रेस नेताओं ने खूंटी (congress leader in khunti) में केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया है. खंटी में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आखिर केंद्र सरकार को झुकना पड़ ही गया. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्र सरकार की ओर से जनता पर कानूनी आतंकवाद (legal terrorism) थोपने का भी आरोप लगाया. खूंटी में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसानों के डर और पांच राज्य खोने के भय के कारण भाजपा और केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने पड़े. कांग्रेस के दिग्गज सांसद शशि थरूर और झारखंड के वित्त एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री रामेश्वर उरांव ने (shashi tharoor statement in khunti on farm laws repeal) केंद्र सरकार को डरपोक भी बताया. इन्होंने कहा कि सरकार चाहे जितने अधिक बहुमत से आए लेकिन सत्तासीन होने के बाद उसे अपना गुरूर छोड़कर जनता के अनुरूप कानून बनाना चाहिए.

खूंटी में जनता को संबोधित करते हुए शशि थरूर ने कहा (farm laws repeal reaction) कि आप जनता हैं और आप ही लोकतंत्र के मालिक है. उन्होंने कहा कि जनता जो चाहे वही कार्य सरकार को करना चाहिए. जनता की राय जानने के बाद सरकार को करना चाहिए. कांग्रेस के दिग्गज सांसद शशि थरूर ने कृषि कानून पर भाजपा के अड़ियल रवैये को कानूनी आतंकवाद (Congress leader Shashi Tharoor legal terrorism statement)भी करार दिया.
शशि थरूर ने कहा कि जिस तरीके से किसान कृषि कानून का विरोध कर रहे थे और आंधी पानी ठंड, तपती धूप में आंदोलनरत रहे, इसके बावजूद सरकार टस से मस नहीं हुई. लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर मोदी सरकार को निरंकुश फैसला वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा. किसानों के बढ़ते देशव्यापी विरोध ने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर किया.
खंटी में सांसद शशि थरूर ने यह भी आंशका जताई है कि चुनाव के बाद आशंका है कि कृषि कानून को फिर से पटल पर लाए. ऐसे में देखना होगा कि मोदी सरकार चुनावी फायदे के लिए बिल वापस ले रही या फिर स्थायी समाधन के तहत कृषि कानून को पूरी तरह रद्द करेगी.


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