जमशेदपुर न्यूज़: यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के जादूगोड़ा स्थित मिल में यूरेनियम की प्रोसेसिंग पानी के अभाव में बंद हो सकती है. इस मिल को जिस जादूगोड़ा बराज से पानी मिलता है, उसका जलस्तर 16 फीट से भी नीचे पहुंच गया है. इस कारण यूरेनियम अयस्क की प्रोसेसिंग में समस्या आने की आशंका है. ऐसी आशंका यूसीआईएल की ओर से ही जताई गई है. उनका आरोप है कि पूर्व की तरह पानी की चोरी होने के कारण यह समस्या हो रही है.
मिल के प्रभारी सह मुख्य अधीक्षक कार्तिकेयन पी ने खरकाई नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आदित्यपुर को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है. उन्होंने बताया है कि जिस गुर्रा नदी से जादूगोड़ा डैम को पानी मिलता है, उसमें रुकावट पैदा की जा रही है.
उनका आरोप है कि ईंट भह्वा मालिकों के द्वारा गुर्रा नदी के पानी का अवैध उपयोग किया जा रहा है. उनका यह भी आरोप है कि जमशेदपुर की ओर से लगातार गंदे पानी का बहाव डैम में हो रहा है. इसके कारण डैम का पानी प्रदूषित हो रहा है और गंदगी बढ़ती जा रही है.
घटते जलस्तर से पानी के प्रदूषित होने का खतरा बराज में घटते जलस्तर एवं गंदगी से पानी के प्रदूषित होने और उसके सेवन से लोगों को संक्रामक बीमारी होने की आशंका जताई गई है. और ऐसा होने पर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की बात कही गई है. यूरेनियम मिल से उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका भी है. इसलिए राष्ट्रहित में यूरेनियम के निरंतर उत्पादन और यूसीआईएल कॉलोनी एवं आम लोगों को सुचारू जलापूर्ति के लिए त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया गया है.
पंप सेट से नदी के बहाव को रोक खींचा जाता है पानी मिल अधीक्षक ने बताया है कि पूर्व में डोमजुड़ी के निकट गुर्रा नदी नदी में ईंट भह्वा मालिकों और अन्य व्यक्तियों ने पंप सेट की मदद से नदी के बहाव को अवरुद्ध कर पानी खींचा जा रहा था. बाद में कार्यपालक अभियंता ने कार्रवाई की, फलस्वरूप पंप सेट को आंशिक रूप से हटा लिया गया था. उन्होंने आशंका जताई है कि फिर से गुर्रा नदी के जल प्रवाह को कुछ जगहों पर अवरुद्ध किया गया है. इसके कारण जलस्तर काफी घट गया है. इससे कंपनी का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं.