Ranchi : एक तरफ पुलिस ने रांची रेलवे स्टेशन से चोरी हुए बच्चे को पांच दिनों के अंदर बरामद कर लिया. वहीं दूसरी तरफ रांची समेत राज्य के 12 जिलों में 23 ऐसे नाबालिग बच्चे हैं, जो पिछले तीन महीने से लापता है. लेकिन अब तक उनका कुछ पता चल पाया है और ना ही झारखंड पुलिस उनको खोज पायी है.
ये बच्चे बीते तीन माह से हैं लापता :
– खूंटी : पुष्पा कुमारी, सांडी पूर्ति, सुलामी कुमारी.
– सिमडेगा : रेखा कुमारी.
– हजारीबाग : उमर फारुख
– जमशेदपुर : मो. हमाद, कृष्णा बंकिरा.
– बोकारो : रूबी बनर्जी.
– धनबाद : लक्ष्मी कुमारी, नंदिनी कुमारी, निर्मल कुमार, भवानी कुमारी, सानू खातून, उदय कुमार राम.
– रांची : जानवी कुमार, आदित्य भुइयां, सुकरा नायक.
– गढ़वा : दिलदार राम.
– पलामू : अंगिता कुमारी.
– देवघर : रोशनी कुमारी.
– साहेबगंज : मरांगबीति किस्कू, बुधराई मुर्मू.
– रामगढ़ : दिशा कुमारी
मानव तस्कर और चोर गिरोह के निशाने पर नाबालिग बच्चे
नाबालिग बच्चे मानव तस्कर और चोर गिरोह के निशाने पर हैं. झारखंड से गायब बच्चे देश के बड़े शहरों में फंसे हैं. कुछ बच्चे कारखानों में कैद होकर बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं. वहीं कुछ बच्चियों को घरेलू काम में लगा दिया गया है. कईयों को तो गलत धंधों में भी धकेल दिया गया है. मानव तस्करों के निशाने पर ज्यादातर नाबालिग बच्चियां होती हैं. मानव तस्कर बच्चियों को नौकरी का झांसा देकर बड़े शहरों में ले जाते हैं और वहां उसका सौदा कर देते हैं. बेहद पिछड़े और सुदूर जंगलों में बसे गांवों की लड़कियों और बच्चों की तस्करी करने के कई मामलों की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हो पाती है. क्योंकि लोग अशिक्षित हैं और जागरुकता का अभाव है.Ranchi : एक तरफ पुलिस ने रांची रेलवे स्टेशन से चोरी हुए बच्चे को पांच दिनों के अंदर बरामद कर लिया. वहीं दूसरी तरफ रांची समेत राज्य के 12 जिलों में 23 ऐसे नाबालिग बच्चे हैं, जो पिछले तीन महीने से लापता है. लेकिन अब तक उनका कुछ पता चल पाया है और ना ही झारखंड पुलिस उनको खोज पायी है.
ये बच्चे बीते तीन माह से हैं लापता :
– खूंटी : पुष्पा कुमारी, सांडी पूर्ति, सुलामी कुमारी.
– सिमडेगा : रेखा कुमारी.
– हजारीबाग : उमर फारुख
– जमशेदपुर : मो. हमाद, कृष्णा बंकिरा.
– बोकारो : रूबी बनर्जी.
– धनबाद : लक्ष्मी कुमारी, नंदिनी कुमारी, निर्मल कुमार, भवानी कुमारी, सानू खातून, उदय कुमार राम.
– रांची : जानवी कुमार, आदित्य भुइयां, सुकरा नायक.
– गढ़वा : दिलदार राम.
– पलामू : अंगिता कुमारी.
– देवघर : रोशनी कुमारी.
– साहेबगंज : मरांगबीति किस्कू, बुधराई मुर्मू.
– रामगढ़ : दिशा कुमारी
मानव तस्कर और चोर गिरोह के निशाने पर नाबालिग बच्चे
नाबालिग बच्चे मानव तस्कर और चोर गिरोह के निशाने पर हैं. झारखंड से गायब बच्चे देश के बड़े शहरों में फंसे हैं. कुछ बच्चे कारखानों में कैद होकर बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं. वहीं कुछ बच्चियों को घरेलू काम में लगा दिया गया है. कईयों को तो गलत धंधों में भी धकेल दिया गया है. मानव तस्करों के निशाने पर ज्यादातर नाबालिग बच्चियां होती हैं. मानव तस्कर बच्चियों को नौकरी का झांसा देकर बड़े शहरों में ले जाते हैं और वहां उसका सौदा कर देते हैं. बेहद पिछड़े और सुदूर जंगलों में बसे गांवों की लड़कियों और बच्चों की तस्करी करने के कई मामलों की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हो पाती है. क्योंकि लोग अशिक्षित हैं और जागरुकता का अभाव है.