रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आपसी मनमुटाव को दूर करने में जुट गई है, वही कांग्रेस की भाजपा में बड़ी सेंधमारी की रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया है। राज्य की कांग्रेस इकाई में गाहे-बगाहे नेताओं में आपसी तनातनी की बातें सामने आती रहती है। अब कांग्रेस ने समन्वय की राजनीति पर आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि अब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बैठकें मुख्यमंत्री आवास या कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय की बजाय मंत्रियों के निवास पर हो रही हैं। कांग्रेस नेताओं की बुधवार को कृषि मंत्री रवींद्र चौबे के निवास पर बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और रविंद्र चौबे के अलावा कई और मंत्री भी मौजूद रहे। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मंथन हुआ साथ ही आगामी रणनीति पर विचार विमर्श हुआ।
लंबे अरसे से इस बात की चर्चा चल रही है कि भाजपा के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं और कांग्रेस राज्य में भाजपा को और कमजोर करने के लिए कई क्षेत्रीय नेताओं को अपने साथ जोड़ना भी चाहती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी दावा किया है कि कांग्रेस के संपर्क में भाजपा के कई नेता हैं और आने वाले समय में भाजपा में बड़ा विस्फोट होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में भाजपा के बड़े नेता और आदिवासी चेहरा नंद कुमार साय के कांग्रेस में आने के बाद राज्य के सियासी गणित में बदलाव आ रहा है। कांग्रेस को लगता है कि आने वाले समय में कई और भाजपाई उसके साथ जुड़ सकते हैं। यही कारण है कि भाजपा की ओर से अब दावे भी किए जाने लगे हैं। इसके साथ कांग्रेस आपसी खींच तान को कम करना चाहती है, यही कारण है कि एक तरफ जहां संभागीय सम्मेलन हुए, वहीं दूसरी ओर नेता एक साथ जुट रहे हैं। पिछले माह प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलाजा की बगैर पूर्व सूचना के हुई रायपुर यात्रा ने आपसी खींचतान के कयासों को पंख लगा दिए थे। उसके बाद से कांग्रेस की ओर से संभलने की कोशिश हो रही है।