Chandil चांडिल : नीमडीह प्रखंड सभागार में मंगलवार को टाटा स्टील फाउंडेशन की मानसी प्रोजेक्ट और महिला एवं बाल विकास परियोजना के समन्वय में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया. आंगनवाड़ी कर्मियों के लिए प्रारंभिक बाल विकास, पोषण व कुपोषण, वृद्धि, निगरानी, अन्नप्राशन आदि विषय पर उन्मुखीकरण के लिए आयोजित कार्यशाला में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी विभा सिन्हा ने उपस्थित कर्मियों को जानकारी दी कि गर्भधारण से लेकर जन्म तक व्यक्ति में अनेक प्रकार के परिवर्तन होते हैं.
गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देने पर ध्यान देना चाहिए
उन्होंने बताया कि गर्भाधान के दौरान गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देने पर ध्यान देना चाहिए. जिससे भ्रूणावस्था में शिशु का समुचित शारीरिक विकास हो सके. जन्म के बाद वह कुछ विशिष्ट परिवर्तनों की ओर संकेत करता है. बाल विकास का यह क्रम वातावरण से प्रभावित होता है. जैसे शिशु को जन्म से छह माह आयु तक मां का दूध ही आहार के रूप में देना चाहिए. छह माह से तीन साल आयु तक जल्दी पचने वाला बाहरी आहार देना चाहिए.
यह थे उपस्थित
इस अवसर पर आंगनवाड़ी कर्मी, मानसी प्रोजेक्ट के ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर लक्ष्मी महतो, मानसी मित्र जयश्री महतो, अनुपा महतो, चिंतामणि सोरेन, संदीप कुमार मंडल व संजय मार्डी आदि उपस्थित थे.