धनबाद न्यूज़: सात महीने बीत चुके हैं. परंतु बोड़ाम प्रखंड के माधवपुर गांव के आठ लोगों का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है. वे जमशेदपुर, खास तौर से भवन निर्माण विभाग की दौड़ लगा-लगाकर थक गये हैं. परंतु भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर उनकी सुन ही नहीं रहे. उनके घरों और ढांचों का मूल्यांकन का काम कब होगा, इसका इंतजार बेमियादी होता जा रहा है.
वो लोग समाहरणालय पहुंचे थे. इस उम्मीद में कि जनता दरबार में शायद उनकी मुलाकात डीसी से हो जाए, तो वे उन्हें अपना दुखड़ा सुना कर राहत हासिल कर लेंगे. परंतु उपायुक्त कहीं दूसरे काम में व्यस्त थीं. इसलिए वे एक बार फिर भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता लालजीत राम के पास पहुंचे और उनसे फरियाद की. पटमदा-बोड़ाम-माधवपुर रोड का निर्माण हो रहा है. इसके लिए अगल-बगल की जमीन अधिग्रहीत की गई है. जमीन के मूल्यांकन का काम तो हो गया है. अधिकांश लोगों के मकानों व ढांचों का भी निर्माण कार्य हो चुका है. परंतु माधवपुर के नौ लोग पहली सूची में छूट गये थे. उनके मकान और ढांचों का मूल्यांकन नहीं हुआ.
भूअर्जन पदाधिकारी ने संज्ञान लिया शिकायत के बाद जिला भूअर्जन पदाधिकारी ने संज्ञान लिया और भवन निर्माण विभाग को उनके मकानों व ढांचों के मूल्यांकन का निर्देश दिया. यह बात 26 जुलाई 2022 की है. इस बात की जानकारी मिलने के बाद कि आज तक भवन निर्माण के द्वारा उनका मूल्यांकन नहीं किया गया है, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी रवीन्द्र गागराई ने कार्यपालक अभियंता को पिछले सप्ताह स्मार पत्र भी भेजा है. इसके बावजूद भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर उदासीन हैं.