रांची कोर्ट को निर्देश देना चाह रही बीजेपी, बार-बार डराने-धमकाने के प्रयास को लोग समझ रहे

बार-बार डराने-धमकाने के प्रयास को लोग समझ रहे

Update: 2023-09-28 06:21 GMT
झारखण्ड सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा के आरोपों पर पलटवार किया है. झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा एक सामान्य न्यायिक प्रक्रिया को सनसनीखेज बनाकर पेश कर रही है.
हायतौबा मचा रहे भाजपा नेताओं के आचरण से यह प्रमाणित होता है कि ये लोग कोर्ट को भी डिक्टेट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा की पुरानी आदत में भ्रम फैलाकर राजनीति करना शुमार है, लेकिन अब लोग इनके झांसे में नहीं आने वाले हैं. आदिवासी क्षेत्र के सशक्त आदिवासी नेता के रूप में स्थापित हो चुके हेमंत सोरेन की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा में खलबली मची है. केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद से हेमंत सोरेन को डराने-धमकाने के बार-बार के असफल प्रयास को लोग समझ चुके हैं. डुमरी उपचुनाव में लोगों ने इसका उदाहरण दिखा दिया है.
अब 2024 के चुनावों में भाजपा को उसके वाजिब अंजाम तक राज्य की जनता पहुंचाएगी. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन जबसे इंडिया गठबंधन की शीर्ष समन्वय समिति में शामिल हुए हैं, तब से भाजपा में बेचैनी और बढ़ गई है. बहुमत से चुनी हुई हेमंत सरकार को अस्थिर करने का भाजपा का षड्यंत्र हर बार विफल होता जा रहा है.
शिबू सोरेन के खिलाफ तीन साल पहले दर्ज की गई थी शिकायत
शिबू सोरेन और उनके परिवार के नाम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकपाल के समक्ष पांच अगस्त 2020 को दर्ज की गई थी. इसमें कहा गया था कि सोरेन और उनके परिजनों ने झारखंड के सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया.
भ्रष्टाचार से अर्जित राशि से अनेक संपत्तियां खरीदी हैं. इनमें कई बेनामी आवासीय और व्यावसायिक संपतियां शामिल हैं. इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोकपाल ने 15 सितंबर 2020 को सीबीआई को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (ए) के तहत मामले में पीई (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर छह माह में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था.
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