BJP सांसद, जानें किसे वोट देंगे जयंत सिन्हा

Update: 2022-07-18 15:39 GMT

रांची. भारत का 15वां राष्ट्रपति चुनने के लिए 4,000 से अधिक सांसद और विधायक सोमवार को अपना वोट डालेंगे. दिन के 10 बजे से वोटिंग शुरू होनी है. इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए आमने-सामने हैं. कई क्षेत्रीय दलों ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया है. इन दलों में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD), नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (JDU), शिरोमणि अकाली दल आदि शामिल हैं लेकिन सभी की निगाहें जयंत सिन्हा जो कि झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी के सांसद हैं पर टिकी हैं.

वो 2014 में भी इसी सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वह केंद्रीय मंत्री भी बने थे. हालांकि, 2019 में दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि लोग उनसे इस बारे में पूछ रहे हैं कि वो किसे वोट देंगे. अपने पिता को या फिर एनडीए उम्मीदवार को. इतना ही नहीं मीडिया में भी उनसे इस तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आते-आते बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं. दरअसल उनके पिता यशवंत सिन्हा विपक्ष के उम्मीदवार हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि वे एनडीए उम्मीदवार को वोट करेंगे या अपने पिता को? हालांकि, वोटिंग से पहले ही जयंत सिन्हा ने इस सवाल का जवाब देकर तमाम कयासों को खत्म कर दिया है.

बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सांसद जयंत सिन्हा निश्चित तौर पर एक पार्टी का धर्म निभाएंगे और एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को ही वोट करेंगे. ठीक है वह एक पुत्र हैं उनके पिता यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए नामांकित किए गए हैं लेकिन सबसे बड़ा होता है पार्टी धर्म, वह यह जरूर निभाएंगे. जेएमएम प्रवक्ता तनुज खत्री ने कहा कि यह मामला निजी तौर पर देखा जाए तो वह खुद समझदार हैं अब क्या निर्णय लेते हैं वह खुद समझें लेकिन निश्चित तौर पर इतना जरूर कहा जा सकता है कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें.

कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि जयंत सिन्हा को एक पुत्र का धर्म निभाना चाहिए. पुत्र धर्म से बड़ा और कोई धर्म नहीं होता है वह भले ही बीजेपी के सांसद हों, मंत्री रहे हों, लेकिन अगर यहां वोट देने की बात आती है तो एक पुत्र का धर्म होता है पिता के प्रति और मुझे उम्मीद है कि जयंत सिन्हा एक पुत्र का धर्म निभाएंगे.

हालांकि जयंत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, "मैं सभी से अपील करता हूं कि मुझे एक बेटे के तौर पर न देखें और न ही इसे पारिवारिक मुद्दा बनाएं. मैं बीजेपी कार्यकर्ता हूं और हजारीबाग से सांसद हूं. मैं अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को समझता हूं और उन्हें निभाऊंगा." मालूम हो कि यशवंत सिन्हा बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं. उन्होंने 2018 में बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. यशवंत सिन्हा मार्च 2021 में ही में टीएमसी में शामिल हुए थे. हालांकि, राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने टीएमसी से भी इस्तीफा दे दिया.

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