भारती दुबे ने की अनोखी पहल, बेटी शादी में अन्य रस्मों के साथ कराया रक्तदान

बरियातू स्थित वसुंधरा गार्डन निवासी भारती दुबे ने अपनी बेटी स्निग्धा की शादी को यादगार बना दिया. शादी समारोह से एक दिन पहले मेहंदी और हल्दी की रस्म के दौरान अनुठी पहल की और भारती दुबे ने अपने दिवंगत पति की याद में रक्तदान शिविर लगवाई.

Update: 2021-11-20 05:05 GMT

जनता से रिश्ता। बरियातू स्थित वसुंधरा गार्डन निवासी भारती दुबे ने अपनी बेटी स्निग्धा की शादी को यादगार बना दिया. शादी समारोह से एक दिन पहले मेहंदी और हल्दी की रस्म के दौरान अनुठी पहल की और भारती दुबे ने अपने दिवंगत पति की याद में रक्तदान शिविर लगवाई. एक तरफ हल्दी और मेहंदी की रस्म, तो दूसरी ओर रक्तदान करते लोग. भारती दुबे उर्फ डॉली दुबे कहती है कि कोरोना काल में अपने पति को ब्लड की वजह से बचा नहीं पाए. ब्लड के अभाव में किसी की जान नहीं जाए, यह फैसला पति की मृत्यु के समय लिया. इस फैसले को पूरा कर रही हूं. शादी समारोह में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 15 यूनिट रक्त एकत्रित किया जा चुका है. इस एकत्रित ब्लड को सदर अस्पताल ब्लड बैंक को दिया जाएगा, ताकि जरूरतमंदों को समय पर ब्लड मिल सके. भारती दुबे उर्फ डॉली दुबे की बेटी की शादी 20 नवंबर 2021 को है. इससे पहले 19 नवंबर 2021 को हल्दी और मेंहदी की रस्म अदायगी की गई. इस रस्म के दौरान रक्तदान शिविर आयोजित की गई, जिसमें वर और वधु पक्ष के लोगों ने स्वैच्छिक रूप से रक्तदान किया.

वर और वधु पक्ष के लोगों ने किया रक्तदान
भारती दुबे उर्फ डॉली दुबे ने बताया कि कोरोना काल में उनके पति विजय कुमार दुबे की मृत्यु हो गयी, तभी संकल्प लिया कि आपने घर-परिवार में होने वाले सभी समारोह में रक्तदान शिविर का आयोजन करेंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह के महादान से अन्य लोगों को जीवनदान दिया जा सकता है. समारोह में वर और वधु पक्ष के लोगों ने भी रक्तदान किया है. स्वास्थ्य विभाग ने की सराहना
इस समारोह की सूचना जैसे ही स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को मिली, तो उन्होंने समारोह स्थल पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर को सफल आयोजन के लिए मोबाइल वैन के साथ मेडिकल टीम भेज दी. अपर मुख्य सचिव ने रक्तदान शिविर की सराहना करते हुए कहा कि शादी समारोह में कन्यादान के साथ-साथ रक्तदान का आयोजन करना अनोखी पहल है. इस तरह की अनूठी पहल लोगों को मार्गदर्शन करने के साथ-साथ जागरूक करने में काफी मददगार साबित होगा.
मेडिकल टीम थी उपस्थित
रक्तदान शिविर के दौरान झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक भुनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में समिति और ब्लड बैंक के कर्मी समारोह में उपस्थित थे. भारती दुबे कहती है कि 2009 में पिता की मौत हो गई थी, तब से लगातार ब्लड डोनेशन करती आ रही है. लेकिन, पति की मौत के बाद फैसला लिया कि घर मे कोई भी आयोजन होगा, तब रक्तदान शिविर लगाएंगे.


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