उर्मिला इंटरनेशनल को ब्लैक लिस्टेड करने पर रोक

Update: 2023-05-05 07:34 GMT

राँची न्यूज़: झारखंड हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) द्वारा शोकॉज नोटिस कर ब्लैक लिस्टेड करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इसके साथ ही बेवरेज कारपोरेशन द्वारा उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज को दो जोन में मैन पावर देने के लिए टेंडर में सफल करने के बाद भी उन दोनों जोन का फिर से टेंडर निकालने को चुनौती देने वाली दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. खंडपीठ ने उर्मिला इंटरनेशनल को अंतरिम राहत देते हुए जेएसबीसीएल द्वारा उसे ब्लैक लिस्टेड करने के लिए फाइनल निर्णय लेने पर रोक लगा दी है.

कोर्ट ने मामले की सुनवाई 27 जुलाई निर्धारित की है. प्रार्थी उर्मिला इंटरनेशनल ने जेएसबीसीएल के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन नियमावली 2022 की संवैधानिकता को भी चुनौती दी है. जेएसबीसीएल झारखंड में शराब का अकेला रिटेलर है.

उसने अपने रिटेलर आउटलेट को मैनेज (मैन पावर के लिए) करने के लिए एक टेंडर निकाला था. इसमें उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज को टेंडर में सफल घोषित करते हुए 10 जोन में से दो जोन का मेन पावर देने के लिए प्लेसमेंट एजेंसी के रूप में चुना गया था. इसके बाद उर्मिला इंटरनेशनल ने खुद को मिले दो जोन में शराब के रिटेल आउटलेट का सर्वे कराया. जिसमें उसने पाया कि उसे मिले दो जोन में कोई भी रिटेलर शराब का शॉप मिनिमम गारंटी रेवेन्यू (एमजीआर) का टारगेट नहीं प्राप्त कर सका है. इसके अलावा इन दोनों जोन में रिटेल आउटलेट के स्टाफ की बकाया सैलरी, रिटेल शॉप में कुछ डुप्लीकेट शराब मिलने जैसे मामले सामने आए.

उर्मिला इंटरनेशनल के समक्ष यह बात भी आई कि शराब की उक्त नियमावली 2022 के क्लॉज 15 के तहत अगर रिटेल शॉप एमजीआर प्राप्त नहीं कर सकते हैं तो जेएसबीसीएल उस प्लेसमेंट एजेंसी से वह राशि रिकवर करेगा. इन त्रुटियों के सामने के आने के बाद उर्मिला इंटरनेशनल ने जेएसबीसीएल को पत्र लिखते हुए कहा कि नियमावली में लचीलापन लाया जाए. जिसके बाद जेएसबीसीएल ने उर्मिला इंटरनेशनल सर्विसेज को शोकॉज नोटिस करते हुए कहा कि वे उसे ब्लैक लिस्टेड कर देंगे. साथ ही जेएसबीसीएल ने उर्मिला इंटरनेशनल को मिले दो जोन को मैन पावर देने के टेंडर को बिना रद्द किए उसके लिए फिर से टेंडर निकाल दिया. जिसे प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. प्रार्थी ने नियमावली को भी असंवैधानिक बताते हुए उसे भी चुनौती दी है.

Tags:    

Similar News

-->