झुमरा में सजा बकरीद का बाजार

Update: 2023-06-23 12:12 GMT

Daru(Hazaribag) : अगले सप्ताह 29 जून को ईद-उल-अजहा यानी बकरीद है. हजारीबाग स्थित दारू प्रखंड के झुमरा में बकरीद का बाजार सज गया है. इसके साथ ही खरीदार भी उमड़ने लगे हैं. इस बाजार में न सिर्फ हजारीबाग, बल्कि कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद व रामगढ़ जिले से भी बकरे की खरीद-बिक्री के लिए लोग आ रहे हैं. गुरुवार को झुमरा में लगे साप्ताहिक बाजार में खस्सी-बकरे की खरीद-बिक्री के लिए अंतिम बाजार लगा था. इस कारण बकरीद के बाजार में हुजूम था. भीड़ ऐसी कि सुबह नौ बजे से शाम के पांच बजे तक जाम की स्थिति बन गई थी. बाजार में सुबह में तो खस्सी के दाम सामान्य थे, परंतु वक्त बीतने के साथ ही खस्सी के भाव भी चढ़ते गए. ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी देख खस्सी और बकरे के दाम डेढ़ से दोगुना तक पहुंच गया.

किसी बकरे के गले में लाल पट्टा, तो किसी के पांव घुंघरू से सजे हुए थे. इनमें कोई झुमरू, तो कोई आशिक, तो कोई शनिश्चरा नामकरण के साथ लाया गया था. बकरे की कीमत 25,000 रुपए से लेकर 60,000 रुपए तक पहुंच गई. इनमें 20 किलो से आधा क्विंटल तक के बकरे मौजूद थे. एक विक्रेता राजू ने बताया कि वह सालभर में एक ही बार बकरीद के बाजार में बकरे बेचने के लिए आते हैं. इसके लिए बड़ी मेहनत और जतन से बकरे को पोस-पाल कर बड़ा करते हैं.

बगैर जख्म के सिंग व दो दांत वाले सालभर के तंदुरुस्त बकरे की ही कुर्बानी होती है कबूल

बकरों की खरीदारी करने आए इरफान ने बताया कि कुर्बानी के लिए खरीदे जाने वाले बकरे पर काफी ध्यान देना होता है. उसका सिंग टूटा नहीं हो, दो दांत हो, कम से कम एक साल का हो, शरीर पर कोई जख्म न हो और तंदुरुस्त हो. उसके बाद ही उसकी कुर्बानी कबूल होती है.

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